बाल मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे 10 बच्चों को कराया मुक्त
रेलवे सुरक्षा बल और बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने शुक्रवार को डीडीयू जंक्शन पर अलग-अलग ट्रेनों से बाल मजदूरी के लिए जा रहे आठ नाबालिगों को मुक्त कराया। इस दौरान तीन तस्कर गिरफ्तार हुए। सभी के खिलाफ जीआरपी में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरपीएफ पीडीडीयू पोस्ट निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि स्टेशन पर लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना कानूनी रूप से गलत है। शुक्रवार को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह और टीम के साथ आरपीएफ ने अभियान चलाया। जोगबनी-आनंद बिहार सीमांचल एक्सप्रेस एक्सप्रेस के जनरल कोच से चार बच्चों को बरामद किया।
बच्चों को ले जा रहे इजहार हज्जाम निवासी महादेवा, थाना जोकीहाट जिला अररिया को गिरफ्तार किया। सभी बच्चे अररिया जिले के रहने वाले हैं। उन्हें खिलौना बनाने के कारखाने में काम करने दिल्ली ले जाया जा रहा था। अप अजमेर सियालदह एक्सप्रेस के जनरल कोच से तीन नाबालिगों को बरामद किया गया। सभी नाबालिग गया निवासी हैं।अइमाचौकी, थाना खिजरसराय जिला गया निवासी किशोरी मांझी जयपुर मजदूरी कराने ले जा रहा था। मालदा-दिल्ली फरक्का एक्सप्रेस के डी वन कोच से एक नाबालिग को बरामद किया गया। इस दौरान ट्रेफिकर बामरा पहाड़िया, निवासी धारा पकटोटी, थाना-लिटीपारा, जिला पाकुर झारखंड को गिरफ्तार किया गया। बच्चों और तस्करों को जीआरपी के सुपुर्द किया गया। जीआरपी पीडीडीयू के प्रभारी निरीक्षक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट अधिकारी चंदा गुप्ता को सुपुर्द किया गया है।