उत्तर प्रदेशराज्य

महाकुंभ जैसी व्यवस्थाएं- गड्ढा मुक्त सड़कें, 24 घंटे बिजली और मेडिकल कैंप

 स्वतंत्रदेश ,लखनऊश्रावण मास में 11 जुलाई से शुरू होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा में महाकुंभ जैसी व्यवस्थाएं की जाएंगीं। कांवड़ियों के गुजरने वाले रास्ते पूरी तरह गड्ढा मुक्त होंगे। विश्राम, पेयजल, मेडिकल कैंप लेकर मोबाइल शौचालय आदि सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगीं।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि कांवड़ यात्रा को सुगम और निर्बाध बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सरकार का प्रयास है कि यह यात्रा श्रद्धा, सुरक्षा और स्वच्छता के साथ संपन्न हो।जल निगम फील्ड हास्टल में पत्रकार वार्ता में मंत्री ने बताया कि ऊर्जा विभाग को यात्रा मार्गों पर विशेष तौर पर रात में निर्बाध बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि अधिकतर श्रद्धालु रात्रि में ही यात्रा करते हैं। पूर्व वर्षों में कुछ स्थानों पर ऊंचे डीजे के बिजली तारों से टकराने की घटनाएं हुई थीं।इसके चलते इस बार केवल निर्धारित ऊंचाई वाले डीजे वाहनों को ही अनुमति देने को कहा गया है। खुले ट्रांसफार्मरों के चारों ओर बाउंड्री बनाने व बिजली के खंभों को इंसुलेट करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

लटकते विद्युत तारों को सही किया जाएगा और सड़क को पार कर रही लाइन के नीचे सुरक्षा तार लगाए जाएंगे। पंडालों व शिविरों में विद्युत कनेक्शन दिया जाएगा। अधीक्षण अभियंताओं को हर समय अलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दी गई है।

उन्होंने बताया कि नगर विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा मार्गों पर सभी स्ट्रीट लाइट्स को ठीक कराया जाए और पूरे रास्ते को गड्ढा मुक्त किया जाए। कांवड़ यात्रियों के ठहरने के लिए पंडालों व शिविरों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, मोबाइल टायलेट की व्यवस्था, डस्टबिन, नियमित सफाई व कूड़ा प्रबंधन को समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।यात्रा मार्गों पर मोबाइल टायलेट लगाए जाएं। कांवड़ यात्रियों को कोई भी असुविधा न हो, इसके लिए स्थानीय स्तर पर टीम गठित कर निगरानी की जाए। मंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है।

महाकुंभ जैसे आयोजनों से प्रेरणा लेते हुए कांवड़ यात्रा मार्गों पर होर्डिंग के माध्यम से श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाएगा और इसे एक स्वच्छ त्योहार के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया है।

कांवड़ यात्रा को जीरो वेस्ट व प्लास्टिक मुक्त बनाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा श्रावण मास के दौरान मंदिर परिसरों, घाटों और प्रमुख धार्मिक स्थलों पर विशेष सफाई अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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