उत्तर प्रदेशराज्य

अब मार्कर करेगा ओरल कैंसर की पहचान

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:देश में कैंसर के बढ़ते मामलों में ओरल कैंसर के मामले काफी ज्यादा होते हैं, जिनका मुख्य कारण तंबाकू सेवन माना जाता है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने ओरल कैंसर की जांच के लिए एक आसान तरीका खोज निकाला है। इससे बार-बार बायोप्सी जैसी जटिल प्रक्रिया नहीं करनी पड़ेगी। केजीएमयू के डीएचआर-एमआरयू सेंटर की फैकल्टी इंचार्ज और नोडल अधिकारी प्रो. दिव्या मेहरोत्रा ने पाया कि रक्त के नमूनों से मार्करों द्वारा कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

ओरल कैंसर को लेकर केजीएमयू के शोध में सामने आई कई अहम जानकारी
केजीएमयू में प्रो. दिव्या मेहरोत्रा ने पहला शोध बीसीएल-2 और एचएसपी-70 नामक मार्कर पर किया है। 

प्रो. दिव्या मेहरोत्रा ने पहला शोध बीसीएल-2 और एचएसपी-70 नामक मार्कर पर किया है। इसमें कैंसर से जूझ रहे और इस बीमारी के लिहाज से संवेदनशील 300 मरीजों के रक्त के नमूने लिए गए। उनसे मार्करों को निकाल कर मरीजों के कैंसर टिश्यू (ऊतकों) का मिलान किया गया। इसमें पता चला कि मार्करों के माध्यम से कैंसर की अवस्था का पता लगाया जा सकता है। इससे बार-बार बायोप्सी जांच नहीं करनी पड़ेगी। प्रो. दिव्या मेहरोत्रा का दूसरा शोध दूसरा शोध विटामिन ए एवं उससे उत्पन्न उत्पादों द्वारा कैंसर निवारण को लेकर हुआ।

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