उत्तर प्रदेशराज्य

श्रेया को न्याय दिलाने के लिए छात्रों ने किया हंगामा

स्वतंत्रदेश, लखनऊ :आजमगढ़ में प्रिंसिपल की सजा से आहत कक्षा 11वीं की छात्रा के तीसरी मंजिल से कूदकर जान देने के मामले में प्रिंसिपल और शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद भी प्रकरण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को महादेवी इंटर कॉलेज के गेट पर छात्रों के हुजूम ने श्रेया तिवारी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया। निजी स्कूलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।छात्रों के हंगामे की सूचना मिलते ही सीओ सिटी गौरव शर्मा भी मौके पर पहुंच गए और बच्चों को समझाकर बुझाकर शांत कराया। श्रेया आत्महत्या का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को जहां निजी विद्यालयों ने अपने विद्यालय बंद रखे, वहीं बुधवार को अभिभावक महासंघ ने अभिभावकों से अपने बच्चों को विद्यालय न भेजने की अपील की।

छात्रों ने स्कूली बसों को भी रोका

इस अपील पर कुछ अभिभावकों ने अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजा। सिधारी क्षेत्र में अभिभावक महासंघ की बंदी का असर देखने को मिला। जब तिवारीपुर स्थित महादेवी इंटर कॉलेज के खुलने के समय काफी संख्या में छात्र जमा हो गए और श्रेया को न्याय दिलाने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान छात्रों ने वहां से बच्चों को लेकर विद्यालय जा रही स्कूली बसों को भी रोका।छात्रों की भीड़ में कई अन्य कॉलेजों के बाहरी छात्र भी शामिल थे। सूचना मिलते ही सीओ सिटी गौरव शर्मा पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने छात्रों को रोड से हटाकर आवागमन बहाल किया गया। घंटों मशक्कत के बाद सीओ सिटी बच्चों को समझा बुझाकर शांत कराने में कामयाब हुए।

पिछले सोमवार को आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में कक्षा 11वीं की छात्रा की स्कूल के तीसरी मंजिल की छत से गिरकर मौत हो गई थी। रानी की सराय थाना क्षेत्र की रहने वाली 17 वर्षीय छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। सिधारी थाने की पुलिस ने प्रधानाचार्या सोनम मिश्रा व कक्षाध्यापक अभिषेक राय को गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस की विवेचना और स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच में सामने आया कि छात्रा के बैग से मोबाइल मिला था। यह जानकारी मिलने पर  कक्षाध्यापक अभिषेक और प्रधानाचार्या सोनम मिश्रा ने छात्रा को डांटा था। मोबाइल जब्त करने के साथ ही सजा के तौर पर छात्रा को प्रधानाचार्य कार्यालय से बाहर खड़ा करा दिया था। इससे आहत होकर छात्रा तीसरी मंजिल पर पहुंची और छत से छलांग लगा दी।  विवेचना में यह बात सामने आने पर पूर्व में लगी हत्या की धारा को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में तब्दील किया गया।

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