मॉनसून सत्र में विधान मंडल से पारित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल विधेयक, 2020 को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह अधिनियम की शक्ल में लागू हो गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुलिस महानिदेशक को तीन महीने में इस उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के पहले चरण को लांच करने के लिए सुझाव देने का निर्देश दिया है। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए गठित किये जाने वाले इस बल में वर्तमान में 9,919 कर्मी कार्यरत रहेंगे।
उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के रूप में प्रथम चरण में पांच बटालियन गठित की जाएंगी जिसके लिए कुल 1,913 नए पदों का सृजन किया जाएगा। अहम बात यह है कि अपनी ड्यूटी स्थल पर यूपीएसएसएफ को किसी आरोपित अथवा संदिग्ध को बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार होगा। इस फोर्स का नेतृत्व एडीजी स्तर का अधिकारी करेगा। पांच बटालियनों के गठन पर कुल 1747.06 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित है जिसमें वेतन, भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल राज्य में हाई कोर्ट, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालयों व परिसरों, व तीर्थ स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक व अन्य वित्तीय, शैक्षिक और औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा करेगा। वहीं, बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के बिना ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है जो उसके काम में रुकावट डाल रहा हो या जिसने कोई अपराध किया हो। वारंट के बिना तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी। निजी क्षेत्र के अधिष्ठानों को भी यह बल सुरक्षा मुहैया करा सकता है लेकिन इसके लिए उन्हें निर्धारित शुल्क अदा करना होगा।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने रविवार को बताया कि पुलिस महानिदेशक को अधिनियम की प्रति भेजकर इस बल के गठन के लिए कार्यवाही के निर्देश दिये गए हैं। उनसे विशेष सुरक्षा बल के गठन/क्रियान्वयन के बारे में तीन दिन में रोडमैप उपलब्ध कराने और इसके संचालन के लिए पदों के सृजन का प्रस्ताव सात दिन में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। अधिनियम को अमली जामा पहनाने के लिए नियमावली का प्रस्ताव मांगा गया है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि यह बल मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होगा। पहले चरण में पीएसी की कुछ अवस्थापना सुविधाओं का सहयोग लेकर इसे आगे ले जाया जाएगा। बल के सदस्यों को विशेष अधिकार देने के लिए अलग से नियमावली बनायी जाएगी। बल के सदस्यों के वेतन और अन्य राज्य सरकार तय करेगी। प्रथम चरण में बल की आठ वाहिनियां गठित की जाएंगी। बल के अधीनस्थ अधिकारियों तथा सदस्यों की भर्ती उप्र पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड द्वारा की जाएगी जिसकी नियमावली कार्मिक विभाग बनाएगा।
योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में बीती 26 जून को बाई सर्कुलेशन से पास हुए इस फोर्स के गठन की अधिसूचना गृह विभाग की ओर से जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने 26 जून को इस फोर्स के गठन की घोषणा की थी। इस फोर्स को प्रदेश की कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने के काफी अधिकार मिले हैं। एडीजी स्तर का अधिकारी यूपी एसएसएफ का मुखिया होगा और इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा। फोर्स को बिना किसी दबाव के काम करने के लिए अनेक असीमित अधिकार प्रदान किए गए हैं। प्रदेश की यह फोर्स अभूतपूर्व ताकतों से लैस होगी। प्रदेश में शुरुआत में यूपीएसएसएफ की पांच बटालियन गठित होंगी और इसके एडीजी अलग होंगे। यूपीएसएसएफ अलग अधिनियम के तहत काम करेगी।