विधायकों को साल में दो करोड़
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : यूं तो पंचायत चुनाव की सरगर्मी हर गांव में बढ़ गई है, लेकिन 34 गांव ऐसे हैं जहां के प्रत्याशी प्रधानी पाने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने को तैयार हैं। हों भी क्यों न? इन गांवों के खाते में इतनी रकम पहुंचने वाली है, जितनी शायद विधायक को भी न मिले। 10 ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं, जिन्हें 10 करोड़ रुपये का परफार्मेंस ग्रांट न केवल आवंटित हो चुका है, बल्कि पेशगी के तौर पर पहली किस्त के 50-50 लाख रुपये भी मिल चुके हैं। कुछ प्रधानों ने कार्यकाल के अंतिम समय में भले ही यह रकम खर्च कर दी, लेकिन भारी-भरकम बजट तो अगले कार्यकाल में आना है। इसी रकम की प्रत्याशा में हर प्रत्याशी प्रधान बनने की कोशिश में जुटा है।
प्रधान बनने के लिए दावेदारों ने झोंकी ताकत, मतदाता ही नहीं प्रत्याशियों की भी घेराबंदी
सामान्य गांवों में जहां प्रत्याशी बैनर-पोस्टर, होर्डिंग लगाकर दावेदारी जताने में जुटे हैं वहीं परफार्मेंस ग्रांट के लिए चयनित गांवों में दावतों और सेवा का दौर अभी से शुरू हो गया है। कोई बीमार को अस्पताल पहुंचाने में जुटा है तो कोई बस बुक कराकर मतदाताओं को गंगा स्नान कराकर पुण्य कमाने के जुगाड़ में है। जिसके बेटे-बेटियों की शादी है, उसके घर तो मददगारों की लाइन लग गई है। कोई राशन देने की बात कह रहा है तो कोई टेंट-शामियाना बिजली का खर्च उठाने को तैयार है। रात की दावतों का तो पूछना ही नहीं है।
प्रधान होंगे रुपयों के मालिक
वर्ष 2016-17 के 700 करोड़ रुपये के परफार्मेंस ग्रांट में से करीब 300 करोड़ रुपया गोरखपुर की 37 ग्राम पंचायतों को आवंटित किया गया है।
इन मदों में खर्च की जाएगी रकम
परफार्मेंस ग्रांट की रकम ग्राम पंचायतें सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट, कूड़ा प्रबंधन, पेयजल, भूगर्भ जल, लैंड स्केपिंग, पार्क, खेल मैदान, पौधरोपण, जिम, स्कूल, अन्य सरकारी भवनों के सुदृढ़ीकरण के अलावा ग्राम पंचायत को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी अवस्थापना मद में खर्च की जाएगी।