बाबू सिंह कुशवाह को टिकट से धनंजय सिंह को झटका
स्वतंत्रदेश , लखनऊरविवार को सपा के घोषित सात प्रत्याशियों में पांच अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं, जबकि एक-एक उम्मीदवार ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग में एक-एक टिकट मौर्य, निषाद और कुशवाहा बिरादरी को दिया गया है। एक महिला को भी टिकट दिया गया है। प्रत्याशित घोषित भीष्म शंकर तिवारी पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के पुत्र हैं। वह दो बार संत कबीरनगर से बसपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। दिसंबर 2021 में वह सपा में शामिल हुए थे। सपा की ओर से जौनपुर का टिकट बाबू सिंह कुशवाहा को दिए जाने से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को झटका लगा है। धनंजय तो जेल में हैं, लेकिन सपा की ओर से जौनपुर सीट पर उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा थी। सपा ने बदायूं से शिवपाल सिंह यादव को मैदान में उतारा था। शिवपाल ने बदायूं में प्रचार भी शुरू कर दिया था। हालांकि, वह भी बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते थे।
बदायूं की स्थानीय सपा इकाई ने शिवपाल की बजाय उनके पुत्र आदित्य यादव को वहां से चुनाव लड़ाने का अनुरोध पार्टी नेतृत्व से किया था। इसे मानते हुए शिवपाल की जगह आदित्य को प्रत्याशी घोषित किया गया है। वहीं सुलतानपुर में भीम निषाद का टिकट काटकर कौड़ीराम (अब गोरखपुर ग्रामीण) विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए राम भुआल निषाद को प्रत्याशी घोषित किया है, वह बसपा सरकार में मत्स्य राज्य मंत्री थे। राम भुआल निषाद 2014 व 2019 का लोकसभा चुनाव गोरखपुर सीट से लड़ चुके हैं।
बसपा से किया गया था निष्कासित
बाबू सिंह कुशवाहा मायावती सरकार में परिवार कल्याण और खनन जैसे विभागों के मंत्री थे। एनआरएचएम घोटाले में घिरने पर बाबू सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती से बगावत कर दी थी। इस पर उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया गया था। बसपा से निकाले जाने पर उन्होंने नवंबर 2011 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी, लेकिन इस पर वितंडा खड़ा होने पर उन्होंने भाजपा नेतृत्व को अपनी सदस्यता निलंबित करने का अनुरोध किया था।
कुशवाहा ने जन अधिकार पार्टी का गठन किया था। उनके जेल में रहने पर उनकी पत्नी सुकन्या कुशवाहा जुलाई 2013 में सपा में शामिल हुई थीं। सुकन्या ने सपा के टिकट पर 2014 में गाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन भाजपा के मनोज सिन्हा से हार गई थीं।