यूपी विधानसभा में जोरदार हंगामा
स्वतंत्रदेश लखनऊ:उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के आठवें दिन मंगलवार को विधानसभा में नेताओं के विरुद्ध दर्ज मुकदमे वापसी के मुद्दे पर जमकर हंगामा हो गया। प्रश्नकाल के दौरान कानून मंत्री बृजेश पाठक ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने नेताओं के विरुद्ध दर्ज वर्ष 2017 से अब तक 670 मुकदमे वापस लेने की संस्तुति की है, लेकिन सपा के सदस्यों ने दलवार मुकदमे वापसी के आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग पर अड़ गए। इस पर बृजेश पाठक ने अपने जवाब से सदस्यों को संतुष्ट करने की कोशिश करते हुए कहा कि दलों के आधार पर यह सार्वजनिक करना या परीक्षण करें कानूनी रूप से सही नहीं होगा।
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास यह हमारे पार्टी का नारा है और यह भाजपा सरकार ने सिद्ध किया है। सपा सदस्यों के लगातार टोकने पर कानून मंत्री ने वर्ष 2013 में नेताओं के विरुद्ध दर्ज मुकदमे गिनाने लगे। इस पर सपा सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। कुछ ही देर में विपक्ष के विधायक वेल में नारेबाजी के साथ हंगामा करने लगे। इस पर ब्रजेश पाठक ने विपक्ष पर आतंकवादियों के समर्थक होने का आरोप लगा दिया।
सदन में हंगामें के बीच संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना स्पष्ट किया कि सभी पार्टियों के नेताओं के मुकदमे जनहित में वापस लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये सदन की परंपरा है कि सवाल के जबाव में अनुपूरक सवाल पूछा जा सकता है। कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जब हमारी 2017 में सरकार बनी थी तो हमारी पहली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव कर्ज माफी का था और सपा की 2012 में सरकार बनी तो इनकी पहली कैबिनेट बैठक में आंतकवादियों के मुकदमे वापसी का प्रस्ताव था। इसलिए ये आंतकवादियों के समर्थक हैं।
विधानसभा में सदस्यों के लगातार हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चोधरी ने सरकार से पूछा 2017 से आज तक किस के और कितने मुकदमे वापस लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी मुख्यमंत्री ने अपने ही मुकदमे वापस लिए हो ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चोधरी से कहा कि विधायकों को अपनी सीट पर बिठाइए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा।