यूपी के अनुदेशकों का दर्द
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी के 27,555 अनुदेशक शिक्षक सैलरी में 2000 रुपए बढ़ाए जाने से खुश नहीं हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के ट्वीट पर अपने हक की मांग को लेकर कमेंट कर रहे हैं। वह लिख रहे हैं कि जो दिक्कत 7000 में थी वह 9000 रुपए महीने की सैलरी करने से दूर नहीं होगी। हमें हमारा हक चाहिए। 17 हजार सैलरी चाहिए जो केंद्र सरकार ने तय किया है।
26 अप्रैल 2022 को लखनऊ के एनेक्सी भवन में शिक्षा मंत्री संदीप सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए। साथ में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ भी थे। संदीप सिंह ने कहा, बेसिक शिक्षा विभाग ने अंशकालिक अनुदेशकों की सैलरी बढ़ाने का जो प्रस्ताव रखा था उसे पारित कर दिया गया है, अब 27,555 अनुदेशक शिक्षकों को 7000 के बजाय 9000 रुपए सैलरी मिलेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के इस हिस्से को उन्होंने अपने अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया है।
कम सैलरी के कारण बीवी तलाक के लिए अर्जी लगा चुकी है
गोरखपुर के पिपराइच से जितेंद्र यादव ने कहा, ”9 साल की नौकरी में न सिर्फ मैं बल्कि मेरे जानने वाले कई अनुदेशक कर्ज में डूब चुके हैं। मेरा तो परिवार टूटने के कगार पर आ चुका है। कम सैलरी के कारण ही बीवी ने तलाक की अर्जी लगा दी है। 2000 रुपए बढ़ने से हमारी परेशानियां कम नहीं होगी”।
महीने के 4000 रुपए सिर्फ पेट्रोल पर खर्च हो जाते हैं
गोरखपुर के पाली के देवेंद्र लाल ने बताया, “घर से स्कूल 40 किलोमीटर दूर है। बाइक से आने-जाने में ही लगभग 150 रुपए लग जाते हैं। महीने का 4000-4500 ऐसे ही खर्च हो गया। बाकी बचे 5 हजार में घर का राशन लाएं, मां-बाप का इलाज करवाएं, गैस भरवाएं, बाइक बनवाएं या फिर जिनसे कर्ज लिया है वो भरें। नियमित करने से ही अनुदेशकों की समस्या का हल होगा”।