रक्षा बजट बढ़ने से डिफेंस कॉरीडोर का बढ़ेगा रुतबा
स्वतंत्रदेश,लखनऊरक्षा बजट में इस बार सरकार ने बड़ा इजाफा किया है। इसे 11.1 फीसदी बढ़ाया गया है। इस बजट में केंद्र ने रक्षा बजट को 6.2 लाख करोड़ रुपये दिए हैं। पिछले रक्षा बजट की तुलना में ये 0.27 लाख करोड़ रुपए ज्यादा हैं। पिछले रक्षा बजट में सरकार ने 5.93 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर डिफेंस सेक्टर का बड़ा गढ़ बने यूपी पर पड़ेगा। कम से कम 3000 करोड़ का नया निवेश यूपी डिफेंस कारीडोर के विभिन्न नोड में आएगा।रक्षा क्षेत्र में दस वर्ष में भारत ने तेज तरक्की की है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत वर्तमान में 85 देशों में हथियार निर्यात कर रहा है। वर्ष 2014 के मुकाबले भारत के रक्षा निर्यात में 10 गुना की वृद्धि हुई है। इसमें निजी सेक्टर का बड़ा योगदान है। हथियारों की मद में की गई बजट बढ़ोतरी से यूपी को बड़ा फायदा मिलेगा क्योंकि यहां के डिफेंस कॉरिडोर छह नोड पर विकसित हो रहा है।

रक्षा विशेषज्ञ ए के मिश्र के मुताबिक यूपी में अडानी डिफेंस, पीटीसी, एमकेयू, बीडीएल, ब्रह्मोस के अलावा कम से कम 16 बड़े समूह निवेश कर चुके हैं और कुछ करने की तैयारी में हैं। इस फैसले से नॉन कोर (गैर हथियार) और कोर (हथियार व गोला बारूद) दोनों ही सेक्टर में छोटी इकाइयों का प्रवेश होगा। इन इकाइयों के जरिये 3000 करोड़ का निवेश यूपी में होगा। इसमें सबसे ज्यादा संख्या रक्षा उत्पादों के कलपुर्जे बनाने वाली इकाइयों की होगी। खास तौर पर लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ में इनकी संख्या सबसे तेजी से बढ़ेगी।
यूपी के डिफेंस सेक्टर में असर डालेंगीं ये डील
-हथियारों में इस्तेमाल होने वाले 928 उपकरणों भारत में ही बनाए जाएंगे
-भारत व अमेरिका मिलकर लड़ाकू बख्तरबंद वाहन स्ट्राइकर बनाएंगे
-अमेरिका की जीई एयरोस्पेस और एचएएल के बीच फाइटर प्लेन के इंजन बनाने का समझौता
रक्षा बजट में वृद्धि का असर पूरी इंडस्ट्री पर आएगा। यूपी में डिफेंस कारीडोर के छह नोड हैं और रक्षा उत्पादों के उत्पादन के लिहाज से प्रदेश एक बड़ा हब है। बजट बढ़ने से डिमांड बढ़ेगी और नई इकाइयों का प्रवेश यूपी में होगा।डिफेंस सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भर बनाना पीएम मोदी का लक्ष्य है। इसी लक्ष्य के तहत पिछले पांच साल में डिफेंस में मेक इन इंडिया ने 300 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ की है। कोर और नान कोर उत्पादों में भी निजी सेक्टर को खोलने का असर यूपी में जबर्दस्त दिखाई दिया है।