मंदिर भी जल्द रेड जोन में, ड्रोन उड़ाया तो खैर नहीं
स्वतंत्रदेश,लखनऊएयरफोर्स की तर्ज पर गोरखनाथ मंदिर भी जल्द ही रेड जोन में शामिल होगा। रेड जोन में ड्रोन नहीं उड़ा सकेंगे। रेड जोन से 12 किलोमीटर की परिधि को येलो जोन में रखा गया है। यहां 200 फीट की ऊंचाई तक ड्रोन उड़ा सकते हैं, लेकिन इसके ऊपर की ऊंचाई पर जाने के लिए अनुमति लेनी होगी। नहीं तो पकड़े जाने पर केस भी दर्ज होगा। ड्रोन भी जब्त कर लिया जाएगा। इतना ही नहीं एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा।इस व्यवस्था का मकसद है कि ड्रोन की मदद से आंतरिक सुरक्षा को खतरा न होने पाए। यानी शादी में ड्रोन उड़ाने में दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर फोटोग्राॅफी व वीडियोग्राॅफी का शौक है और अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाना है तो अनुमति लेनी होगी। इसका प्रोफाॅर्मा एसपी कार्यालय से मिलेगा।
जानकारी के मुताबिक, ड्रोन पॉलिसी-2023 को उप्र कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। नए बदलाव के बारे में शुक्रवार को एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि शहर को तीन जोन में बांटा गया है। रेड, येलो और ग्रीन। रेड जोन में वर्तमान में एयरपोर्ट को रखा गया है, जिसके आसपास किसी को भी ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं है। हालांकि, एयरपोर्ट ने जीरो टैग भी किया है, और यहां ड्रोन उड़ भी नहीं सकता है। जबकि येलो जोन और ग्रीन जोन के लिए ड्रोन उड़ाने का मानक तय किया गया है।उस मानक से अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए एसपी ऑफिस से अनुमति लेनी होगी। एसपी ने बताया कि रेड जोन कहीं भी वीआईपी मूवमेंट के समय बनाया जा सकता है। इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी है। अभी हाल ही में गोरखनाथ मंदिर में कुछ युवकों ने रील्स बनाने के लिए ड्रोन उड़ा दिया था। पुलिस ने ड्रोन जब्त कर उन युवकों पर कार्रवाई भी की थी। सुरक्षा के लिहाज से गोरखनाथ मंदिर को भी रेड जोन में शामिल किया जा सकता है, इस पर मंथन चल रहा है।
क्या है रेड, येलो और ग्रीन जोन
रेड जोन : गोरखपुर एयरपोर्ट और उसके आसपास का क्षेत्र है। गोरखपुर एयरपोर्ट जियो फेंसिंग तकनीक से लैस है। यह ऐसी तकनीक है, जिससे आसपास के क्षेत्र में कोई भी ड्रोन उड़ाने का प्रयास करता है तो वह ऐसा नहीं करने देती है। यानी रेड जोन में ड्रोन उड़ा पाना भी असंभव है।
येलो जोन : रेड जोन से बाहर का 12 किमी तक का क्षेत्र येलो जोन बनाया गया है। यलो जोन में 200 फीट ऊंचाई तक ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इससे अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी।
ग्रीन जोन : येलो जोन के बाहर का जो एरिया होगा, वह ग्रीन जोन माना जाएगा। ग्रीन जोन में 400 फीट ऊंचाई तक ड्रोन बिना अनुमति के उड़ाया जा सकेगा। इससे अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेनी होगी।