बुंदेलखंड के विकास के लिए एक्शन मोड में CM
स्वतंत्रदेश, लखनऊयोगी सरकार पथरीले बुंदेलखंड को देश के औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित करने जा रही है। इसका माध्यम बनेगा बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिसका संस्थागत ढांचा सरकार जल्द खड़ा करने की तैयारी में जुटी है।सरकार की कोशिश है कि जो दूरी नोएडा प्राधिकरण ने बीते 47 वर्षों में तय की है, उसे बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण एक छलांग में नाप ले। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत 16,565 हेक्टेयर (40,915 एकड़) भूमि का विकास प्रस्तावित है।
इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। यह जमीन झांसी के 33 गांवों से अर्जित की जाएगी। औद्योगिक विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जमीन का मौका मुआयना भी कर लिया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस बारे में प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है। सर्वेक्षण के अनुसार यह जमीन वस्त्र, सिरेमिक, खाद्य प्रसंस्करण, वेयरहाउसिंग, कोल्ड चेन सुविधाओं जैसे उद्योगों के लिए उपयुक्त है। पहले चरण में 13 गांवों की 6,115 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण और विकास प्रस्तावित है।
सरकार की योजना है कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत इन गांवों की जमीन के अर्जन की प्रक्रिया छह महीने में पूरी कर ली जाए। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को अमली जामा पहनाने के लिए जल्द ही इसका बोर्ड गठित किया जाएगा। औद्योगिक विकास विभाग इस बारे में जल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की तैयारी कर रहा है। प्राधिकरण के बोर्ड के गठन के बाद भूमि अर्जन के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।सरकार का मानना है कि भले ही निवेशकों में नोएडा प्राधिकरण के प्रति आकर्षण बरकरार हो लेकिन वहां जमीन की उपलब्धता में आ रही दिक्कत बुंदेलखंड को औद्योगिक विकास और विस्तार के वैकल्पिक केंद्र के रूप में विकसित करना समय की मांग है।इसके लिए बजट में 5000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। बीती एक अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन व जमीन खरीदने के लिए 5000 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी थी।