उत्तर प्रदेशराज्य

ट्रक-बसों व भारी वाहनों का चक्का जाम

स्वतंत्रदेश ,लखनऊपश्चिमी यूपी के विभिन्न जिलों में ट्रक व रोडवेज बसों के चालक प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रक, बसों और भारी वाहनों का चक्का जाम होने से आपूर्ति प्रभावित हुई है। चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति, गैस एजेंसियों को गैस सिलिंडर, पेट्रोल पंपों को पेट्रोल व डीजल, मंडियों को गुड़, तेल, दाल, आनाज, चीनी, सब्जी आदि, निर्माण सामग्री आपूर्ति प्रभावित हुई है। वहीं शासन के आदेश पर आज डीएम और कमिश्नर ट्रांसपोर्ट कर्मचारी यूनियनों से वार्ता करेंगे।संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में सख्त नियम लागू किए जाने के विरोध में ट्रक, डीसीएम, कैंटर, टैंकर, सरकारी और प्राइवेट बस चालक लामबंद हो गए। नए साल के पहले दिन चालकों ने शहर से लेकर देहात तक व्यावसायिक वाहनों का चक्का जाम कर दिया। इससे गैस, डीजल- पेट्रोल, और खाद्य सामग्री की आपूर्ति प्रभावित हो गई।हड़ताल के चलते सरकारी और प्राइवेट बसें अड्डे पर ही खड़ी रहीं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल में शामिल चालकों ने शहर की सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो और ई-रिक्शा को भी रोकने का प्रयास किया। मवाना में मेरठ-बिजनौर मार्ग पर 55 बसों का संचालन नहीं हुआ। परीक्षितगढ़ में बसों की हड़ताल से राहगीरों को ठंड में बसों के इंतजार में परेशान होना पड़ा। सरधना में मेरठ रोड स्थित ट्रांसपोर्ट कार्यालयों पर ट्रक चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया।

डग्गामार वाहनों में लटककर जाते लोग

शनिवार को चार घंटे की हड़ताल के बाद सोमवार को व्यावसायिक वाहनों के चालकों का विरोध फिर फूट पड़ा। मेरठ पूठा इंडियन ऑयल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के तेल डिपो से जुड़े लगभग 400 तेल टैंकर का चक्का जाम रहा।

आगरा, सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, गजरोला, हापुड, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर अलीगढ़, हाथरस, मथुरा के लिए पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं हो सकी। इसी तरह जिले में एचपीसी, इंडेन और भारत गैस की लगभग 80 गैस एजेंसियों पर प्रतिदिन पहुंचने वाले 28 हजार से अधिक घरेलू और कामर्शियल सिलिंडर भी नहीं पहुंच सके।

मेरठ गैस वितरक एसोसिएशन के अध्यक्ष नमो जैन का कहना है कि अगर मंगलवार की सुबह तक हड़ताल खत्म नहीं हुई तो कई एजेंसियों के गोदाम खाली हो जाएंगे। इसके अलावा ट्रकों का भी चक्का जाम कर दिया गया।

सभी ट्रक चालकों ने टीपीनगर स्थित सेखो पेट्रोल पंप के पास धरना प्रदर्शन किया। एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर पंकज अनेजा दीपक, रोहित कपूर, नीरज मुलतानी, अतुल शर्मा, अंकुर प्रजापति, संजय शर्मा, योगेश शर्मा, सुमित प्रधान समेत सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे।

ट्रांसपोर्टर ने बंद की बुकिंग
मेरठ के ट्रांसपोर्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए। माल की बुकिंग बंद कर दी। चालकों की हड़ताल रहने तक वाहनों की बुकिंग न करने का निर्णय लिया। ट्रकों की हड़ताल से मेरठ से दूसरे प्रदेशों को जाने वाला स्पोर्टस का सामान, कैंची, कपड़ा, दवाइयां, लकड़ी, ट्रांसफार्मर, कैमिकल, खाद्य सामान, लोहा, आदि सामान की सप्लाई ठप हो गई। मेरठ से लगभग 12 हजार छोटे व बड़े ट्रकों से सामान की सप्लाई दूसरे स्थानों पर होती है।

सड़कों पर दौड़ते वाहनों को भी रोका
शहर से देहात तक वाहनों के चक्का जाम के दौरान हड़ताली चालक सड़कों पर दौड़ते वाहनों को रोकने और चालकों को चक्का जाम में शामिल करने के लिए जगह- जगह जत्थे के रूप में तैनात रहे। कुछ स्थानों पर तीखी बहस भी हुई। ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्टर ने वाहनों को रोककर चालकों को चक्का जाम में शामिल रहने के लिए प्रेरित किया।

ट्रांसपोर्टर आज डीएम को सौंपेंगे वाहनों की चाबी
मेरठ ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि अगर सरकार मंगलवार की सुबह दस बजे तक इस काले कानून को वापस नहीं लेती है तो सभी ट्रांसपोर्टर दोपहर 12 बजे जिलाधिकारी को एक ज्ञापन और वाहनों की चाबी सौंपने का काम करेंगे। जरूरत पड़ी तो वाहनों को भी सड़कों पर जगह जगह खड़ा किया जाएगा।

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