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UP बजट पर आम और खास की राय

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:योगी 2.0 के दूसरे बजट को लेकर प्रदेश भर में लोगों के अंदर उत्सुकता देखी गई। एक्सपर्ट्स से लेकर आम लोगों की निगाहें बजट पर ही टिकी रही। तमाम ऐसे भी लोग रहे जो बेबाक अंदाज में यूपी के बजट 2023 को लेकर अपनी बात रखे।LUTA अध्यक्ष प्रो.विनीत वर्मा कहते हैं कि शिक्षा के लिए बजट बेहद निराशाजनक है। गरीब छात्रों के लिए 3500 करोड रुपए छात्रवृत्ति के लिए प्रावधान किया गया हैं यह अच्छा काम है। ऊर्जा क्षेत्र में और ध्यान देने की जरूरत थी। 3 विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए मात्र डेढ़ सौ करोड़ जबकि स्मार्टफोन के वितरण के लिए 3600 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह ठीक नहीं है।KGMU कुलपति डॉ. विपिन पुरी ने बताया कि बलरामपुर में KGMU का सैटेलाइट सेन्टर के लिए 5 करोड़ की बची हुई धनराशि भी आवंटित की गई हैं। बजट से हम जरूर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा करेंगेलोहिया संस्थान की निदेशक प्रो.सोनिया नित्यानंद ने बताया कि न्यूरो एडवांस सेंटर पर काम हो रहा हैं। कंस्ट्रक्शन पूरा होते ही इसकी भी जल्द ही शुरुआत होगी।

लखनऊ के BKT स्थिति चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार चाहती है कि मोटे अनाजों की खेती का रकबा बड़े इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए मोटे अनाजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य दो गुणा बढ़ाने होंगे। तभी किसान मोटे अनाजों की तरफ आकर्षित होगा। सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास चल रहे हैं। निरंतर वाटर लेवल घटता चला जा रहा है। जहां पर सौर्य ऊर्जा द्वारा संचालित नलकूप कुछ दिन के बाद काम करना बंद कर देते हैं। इस तरह से इन मुद्दों पर जो बजट में प्रावधान है वह फिलहाल प्रभावी नही दिखता। बजट पर लगभग सभी पहलुओं पर फोकस किया गया हैं।लखनऊ के राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय से शोध कर रहे ऋषि शुक्ला कहते हैं कि प्रदेश सरकार के बजट में 2 अहम चीज देखने को मिली। पहला यह बजट किसानों को उद्यमशीलता की ओर ले जा रहा हैं और प्रदेश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया जा रहा हैं। उच्च शिक्षा और चिकित्सा के ऊपर सरकार ने इस बजट में कम ध्यान दिया हैं। सरकार रिसर्च और डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान देना चाहिए था जो कि निराशापूर्ण रहा। इस बजट को यदि छात्रों की नजर से देखा जाए तो ये मध्यम बजट था।

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