उत्तर प्रदेशलखनऊ

गंदा पानी गंगा-यमुना में न जाए-हाईकोर्ट

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्य सरकार से कहा है कि अगले महाकुंभ से पहले ऐसी कार्ययोजना पर अमल करे, जिससे मेला क्षेत्र व शहर का गंदा पानी सीधे गंगा-यमुना में न जाने पाए। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पूर्ण पीठ ने गंगा प्रदूषण को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में स्पष्टीकरण दिया कि राज्य सरकार आगामी महाकुंभ को देखते हुए मेगा योजना तैयार करने पर विचार कर रही है। वह शीघ्र ही अधिवक्ताओं व अधिकारियों के साथ बैठकर इस दिशा में विचार करेंगे। कानपुर, उन्नाव के चर्म उद्योगों का पानी मेले के दौरान गंगा में न जाने पाए, इसके लिए प्रयागराज के जिलाधिकारी कानपुर के अधिकारियों से बात कर रहे हैं।

कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या मेला क्षेत्र में अस्थाई सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा सकता है, जिससे कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से होने वाली गंदगी गंगा में न जा सके। मेला प्राधिकरण से इस पर कोर्ट ने हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने मेले के दौरान कानपुर व प्रयागराज के बीच गंगा प्रवाह व जल की गुणवत्ता की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिए। पूछा कि प्रयागराज की पूरी सीवर लाइन को कितने समय में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ दिया जाएगा। न्याय मित्र अरुण गुप्ता का कहना था कि 40 फीसदी मकानों से सीवर लाइन अभी जोड़ी नहीं गई हैं।

 कोर्ट ने पॉलिथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की निगरानी करने के निर्देश दिए और कहा कि कोर्ट का काम प्रशासन चलाना नहीं है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शहर की 

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