उत्तर प्रदेश में बढ़ा सूखे का खतरा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:आषाढ़ माह किसानों का आसमान निहारते बीत गया। अब सावन में भी लोग वर्षा के लिए तरस रहे हैं। तेज धूप और उमस से सभी बेहाल हैं। बीच-बीच में बादल छाने पर लोग उम्मीद बांधते हैं लेकिन, पश्चिमी विक्षोभ व कम दबाव का क्षेत्र दूसरी जगह बनने जैसे दावे उन्हें निराश कर रहे हैं। सूबे में हर तरफ सूखे के आसार नजर आ रहे हैं। खरीफ फसलों का क्षेत्रफल पिछले साल की अपेक्षा नौ लाख हेक्टेयर कम हो गया है। इससे भी बड़ी चिंता की लकीरें उन किसानों के माथे पर खिंची हैं जिन्होंने जैसे-तैसे रोपाई या बोवाई कर ली है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश में खरीफ 2022 में मौसम की स्थितियों की समीक्षा करते हुए निर्देशित करते हुए कहा है कि माह जून से 17 जुलाई तक केवल सामान्य का 35.5 प्रतिशत वर्षा ही हो सकी है, जिसके कारण प्रदेश में पिछले वर्ष की रोपाई व बोवाई 51.34 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष इस वर्ष 42.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही हुई है। हालांकि, मौसम विभाग जुलाई अंतिम सप्ताह में अच्छी बारिश की उम्मीद बता रहा है।