उत्तर प्रदेशराज्य

45% बिजली बचाएगी, ट्रैक पर एक भी तार नहीं

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस कानपुर मेट्रो कई मायनों में देश में मिसाल बन चुकी है। देश में सबसे तेज 23 महीने में कानपुर मेट्रो के 9 स्टेशन को बनाकर इसका संचालन भी आज से शुरू होने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में तमाम ऐसे इनोवेशन किए गए हैं, जो पहले देश में किसी भी मेट्रो प्रोजेक्ट में नहीं किए गए। लगभग 11 हजार करोड़ रुपए से बनकर तैयार हो रही है। वहीं पूरे ट्रैक पर तारों का मकड़जाल नहीं दिखाई देगा। ट्रैक के बराबर ही थर्ड लाइन बिछाई गई है।

9 किमी. के सेक्शन में 6 ट्रेनों का होगा संचालन।
9 किमी. के सेक्शन में 6 ट्रेनों का होगा संचालन।

देश में पावर जेनरेशन कानपुर मेट्रो का सबसे अधिक 45 परसेंट तक है। लखनऊ मेट्रो 40% ऊर्जा की बचत करती है। ये अभी तक किसी भी मेट्रो के मुकाबले सबसे ज्यादा है। मेट्रो कोच और स्टेशन में लगी सभी लिफ्ट में रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। इनके संचालन में पैदा होने वाली इलेक्ट्रिसिटी को वापस लाइन में ट्रांसफर हो जाएगी।

ऊर्जा बचत की वजह से कानपुर मेट्रो का बिजली खर्च भी आधा हो जाएगा। लखनऊ में औसतन 92.59 लाख किलोवॉट प्रति घंटे की दर सालाना और लिफ़्ट्स ने औसतन 2.14 किलोवॉट प्रति घंटा सालाना इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करती है। लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन 39% है। जबकि कानपुर में ये 45% होगा। वहीं देश में सबसे ज्यादा कानपुर मेट्रो को ईको फ्रेंडली बनाया गया है। 

कानपुर मेट्रो देश में सबसे कम समय में ट्रायल रन करने के बाद संचालन शुरू करने जा रही है। पुणे मेट्रो ने 30 महीने में 5 किमी. दूरी पर ट्रायल रन किया था। जबकि लखनऊ मेट्रो ने 32 महीने में 6 किमी. दूरी पर ट्रायल रन रिकॉर्ड बनाया था। कानपुर मेट्रो इसे तोड़कर रिकॉर्ड बनाया है। 23 महीने में काम पूरा कर लिया है।

Related Articles

Back to top button