राजनीति

अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कोरोना आपदा ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सूबे की अर्थव्यवस्था में पिछले वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों की तुलना में 22.5 फीसद गिरावट का अनुमान है। कोरोना महामारी से उद्योग जगत सर्वाधिक प्रभावित हुआ, जबकि कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को संभाले रखने में भूमिका निभायी।

कोरोना आपदा ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सूबे की अर्थव्यवस्था में पिछले वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों की तुलना में 22.5 फीसद गिरावट का अनुमान है।

नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग ने वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही की तुलना वर्ष 2019-20 की प्रथम तिमाही से करते हुए सकल व निवल राज्य घरेलू उत्पाद के अनुमान स्थिर (2011-12) व प्रचलित भावों पर तैयार किये हैं। वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में सकल राज्य घरेलू उत्पाद स्थिर भावों पर 1,99,567 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जबकि 2019-20 की पहली तिमाही में यह 2,57,639 करोड़ रुपये था।

स्थिर भावों पर प्राथमिक (कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियां) क्षेत्र में सकल राज्य घरेलू मूल्य वर्धन (जीएसवीए) की वृद्धि दर 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 4.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। वहीं, द्वितीयक (मैन्युफैक्चरिंग व उद्योग) तथा तृतीयक (सेवा) क्षेत्र की वृद्धि दर -42.9 प्रतिशत और -22.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। प्रचलित भावों पर भी जीएसडीपी में 22 फीसद की गिरावट अनुमानित है।

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च 2020) में उप्र के सकल और निवल राज्य घरेलू उत्पाद में 2018-19 की आखिरी तिमाही की तुलना में 2.7 फीसद वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। स्थिर (2011-12) भावों पर वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 3,18,626 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है, जो कि वर्ष 2018-19 की समान अवधि के सापेक्ष 2.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। स्थिर भावों पर वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में प्रदेश का निवल राज्य घरेलू उत्पाद 2,78,005 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है, जो कि वर्ष 2018-19 के आखिरी तीन माह के सापेक्ष 2.7 प्रतिशत अधिक है।

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