शिक्षक भर्ती की तीसरी काउंसिलिंग आज से
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में आवेदन पत्र, शैक्षिक दस्तावेज, जाति व निवास प्रमाण पत्र में मानवीय त्रुटि के कारण जो अभ्यर्थी पहली और दूसरी काउंसिलिंग से वंचित रह गए थे, उन्हें इन गलतियों को सुधारने का मौका देते हुए उनके लिए जिलों में तीसरी काउंसिलिंग बुधवार से शुरू हो रही है। तीसरी काउंसिलिंग नौ से 11 दिसंबर तक करायी जाएगी। काउंसिलिंग में उपयुक्त पाए गए अभ्यर्थियों को 12 दिसंबर को नियुक्ति प्रदान किये जाएंगे। इस काउंसिलिंग में वे अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे, जो किन्हीं कारणों से पहली और दूसरे चरण की काउंसिलिंग में उपस्थित नहीं हो पाए थे।
माना जा रहा है कि ऐसे करीब ढाई हजार अभ्यर्थी होंगे, जो दस्तावेजों में लिपिकीय त्रुटि के कारण पहले दो चरणों की काउंसिलिंग से वंचित रह गए हैं। इनमें वे चयनित अभ्यर्थी शामिल हैं, जिन्होंने आवेदन पत्र में अपना या माता, पिता/पति का नाम अंकित करने में वर्तनी की गलती की है या जिनके आवेदन और मूल दस्तावेजों में माता की जगह पिता और पिता के स्थान पर माता का नाम अंकित है। इनमें ऐसे अभ्यर्थी भी हैं, जिन्होंने मूल अंकपत्र के सापेक्ष प्राप्तांक कम या पूर्णांक ज्यादा भरा है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक चयन की दूसरी अनंतिम सूची सोमवार शाम जारी की थी। कोर्ट ने भर्ती के 37339 पदों पर चयन का आदेश दिया था, उनमें से 36590 अभ्यर्थियों को जिला आवंटित किया गया है, 749 सीटों के लिए अभ्यर्थी नहीं मिल सके। कोर्ट से शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के कटऑफ का निर्णय 18 नवंबर को होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू की थी। काउंसलिंग के लिए दो से चार दिसंबर तक की तारीख पहले ही घोषित हो चुकी थी।
पहले की सूची से ही जिला आवंटन : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का 12 मई को परिणाम घोषित किया था। उसमें 1,46,060 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। इसमें 1,36,621 ने आवेदन किया, जबकि 9439 अभ्यर्थी आवेदन से दूर रहे।
कोर्ट ने रोके थे ये पद : शीर्ष कोर्ट ने 21 मई को भर्ती के 37339 पदों को छोड़कर शेष पदों पर भर्ती करने के लिए राज्य सरकार को छूट दी थी। भर्ती की लिखित परीक्षा में 45357 शिक्षामित्रों ने आवेदन किया था। उनमें से 8018 शिक्षामित्र उत्तीर्ण हो गए, बाकी चयन से दूर हैं। इतने पद रोकने की वजह शिक्षामित्रों से जुड़ी याचिका थी। शिक्षामित्र 69000 भर्ती का कटआफ अंक बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे थे, वे 68500 भर्ती की तरह कटऑफ की मांग कर रहे थे। इसे शीर्ष कोर्ट ने खारिज कर दिया है।