उत्तर प्रदेशलखनऊ

मौसम मेहरबान तो प्रदूषण भी धड़ाम

स्वतंत्रदेश लखनऊ :यह तो साबित हो गया कि कोई एक्शन प्लान वायु प्रदूषण पर प्रभावी नहीं। यदि मौसम मेहरबान होगा तभी लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सकेगी। राजधानी सहित प्रदेश के ज्यादातर जिलों में वायु प्रदूषण में जबरदस्त कमी आई है। यह किसी एक्शन प्लान की बदौलत नहीं बल्कि मौसम के मेहरबान होने से हुआ है। दीवाली के बाद हुई बारिश ने हवाओं से प्रदूषण को धो डाला। नतीजा यह है कि सूबे के तमाम शहरों में हवा की गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार आया है।

सभी जगह एक्यूआई मध्यम श्रेणी 100 से 200 के बीच रिकॉर्ड किया गया है। लखनऊ ही नहीं कानपुर 125 हापुड़ 104 गाजियाबाद 166 ग्रेटर नोएडा 126 बागपत 120 बुलंदशहर 181 आगरा 141 मेरठ 144 मुरादाबाद 158 मुजफ्फरनगर 98 नोएडा 178 व वाराणसी में 151 रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन के अनुसार सभी जगह एक्यूआई मध्यम श्रेणी 100 से 200 के बीच रिकॉर्ड किया गया है। गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा जैसे एनसीआर में आने वाली जिले हों या अन्य शहर सभी जगह वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आई है।राजधानी में मंगलवार को एक्यूआई 128 रिकॉर्ड हुआ जो सोमवार की अपेक्षा 74 यूनिट कम रिकॉर्ड किया गया। लखनऊ ही नहीं कानपुर 125, हापुड़ 104, गाजियाबाद 166, ग्रेटर नोएडा 126, बागपत 120, बुलंदशहर 181, आगरा 141, मेरठ 144, मुरादाबाद 158, मुजफ्फरनगर 98, नोएडा 178 व वाराणसी में 151 रहा।

साफ है कि दीवाली से पहले जो प्रदूषण की स्थिति थी और दीपावली पर जो हवाओं में ज़हर घुला था बारिश ने उसे धो डाला। इससे लोगों को बड़ी राहत मिली है। बीते लंबे समय से एक्यूआई 400 से अधिक अत्यंत खतरनाक रेंज में रिकॉर्ड किया जा रहा था जिस पर काबू पाने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लखनऊ सहित कई शहरों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान जारी किया गया था। जिसमें तमाम तरीके के प्रतिबंध लगाए गए थे बावजूद इसके प्रदूषण से कोई खास राहत नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में साफ हो गया है कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए की जाने वाली तमाम उच्चस्तरीय बैठकें व एक्शन प्लान वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए खास प्रभावी नहीं होते। वायु प्रदूषण तो मौसम के मेहरबान होने पर ही सुधरता है।

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