महिलाओं काे दें पहचान- मिशन शक्ति
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा के साथ उनके सम्मान व स्वावलंबन पर भी काम होगा। महिला कल्याण विभाग इसके लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से 16 नवंबर से अभियान शुरु करेगा। जिसके तहत न सिर्फ पाक्सो पीड़ित या किसी अन्य प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं को मानसिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा। बल्कि उनको सामाजिक रूप से सम्मान दिलाने की दिशा में भी प्रयास होंगे। लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वे अपने घर व प्रतिष्ठान की पहचान मां, पत्नी या बेटी के नाम पर दें। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से जुड़ीं सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सक्सेना ने बताया मिशन शक्ति के तहत इस माह चलाए जाने वाले अभियान में आश्रय गृहों में रहने वाली महिलाएं व बालिकाओं को भी शामिल किया जाएगा। ऐसे परिवार या व्यक्ति भी चिह्नित किए जाएंगे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने स्वजनों को खोया है। बाल श्रमिक, प्रवासी श्रमिक, महिलाओं, बच्चों व उनके परिवारों की भी जरूरत होने पर काउंसलिंग की जाएगी।
इस तरह चलेगा अभियान
– 16 नवंबर को ब्लाक व ग्राम पंचायत स्तरों पर मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक आवश्यकताओं के तहत संध्या चौपाल, नुक्कड़ नाटक, वेबिनार व सेमिनार आदि होंगे।
– 18 नवंबर को बेटियों से पहचान थीम पर परिवारों और दुकानदारों को जागरूक किया जाएगा कि वह अपने घरों व दुकानों को परिवार की महिलाओं व बेटियों के नाम पर पहचान दें।
– 20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर अधिकारियों के साथ बालक-बालिकाओं, किशोर व किशोरियों से सुरक्षा व मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों शक्ति संवाद किया जाएगा।
23 नवंबर को बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी की रोकथाम से संबंधित प्रतियोगिताएं, प्रश्नोत्तरी, रैली आदि का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है।
– 25 नवंबर यौन हिंसा, लैंगिक असमानताएं, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न आदि से सुरक्षा तंत्र व सुझावों पर दो घंटे के पारस्परिक संवाद का आयोजन किया जाएगा।