उत्तर प्रदेशराज्य

कोविशील्ड लगवाने के बावजूद एंटीबाडी, डब्ल्यूएचओ को नोटिस जारी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बावजूद एंटीबाडी नहीं बनने बल्कि प्लेटलेट्स भी कम होने के एक कथित मामले में सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला समेत सात अन्य के विरुद्ध दाखिल रिवीजन अर्जी पर सत्र अदालत में एक अप्रैल को सुनवाई होगी। जिला जज राम मनोहर नारायण मिश्रा ने पूनावाला समेत अन्य सभी विपक्षी पक्षकार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण के महानिदेशक, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि, आईसीएमआर के महानिदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के निदेशक व गोविंद हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लखनऊ के निदेशक को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

 लखनऊ के वकील प्रताप चंद्रा का आरोप है कि नवंबर 2021 में वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। 

इस रिवीजन अर्जी में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। वकील प्रताप चंद्रा ने निचली अदालत में एक अर्जी दाखिल कर इन सभी विपक्षीगणों के खिलाफ छल, घोखाधड़ी व हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की थी। 22 नवंबर, 2021 को सीजेएम की अदालत ने विपक्षीगणों के विरुद्ध मुकदमे की यह अर्जी खारिज कर दी थी। प्रताप चंद्रा ने अर्जी में कहा था कि आठ अप्रैल, 2021 को गोविंद हास्पिटल में कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था। दूसरा डोज 28 दिन बाद लगना था। लेकिन, इस दौरान सरकार ने घोषणा किया कि अब दूसरा डोज 12 हफ्ते बाद लगेगा। वैक्सीन लगवाने के बाद उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। 25 मई, 2021 को एंटीबॉडी टेस्ट कराया। ताकि मालूम हो सके कि वैक्सीन लगवाने के बाद एंटीबाडी नहीं बनी। बल्कि सामान्य प्लेटलेट्स भी आधे से कम हो गईं। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। किसी भी समय मौत हो सकती है। यह सरासर धोखा है। हत्या के प्रयास का मामला है।

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