उत्तर प्रदेशलखनऊ

तालकटोरा जबरदस्त प्रदूषित

 स्वतंत्रदेश,लखनऊ : राजधानी में वायु प्रदूषण नए रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। जैसा कि अंदेशा था बुधवार को प्रदूषण बेहद गंभीर हो गया। सुबह 11 बजे के करीब लालबाग क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बढ़ कर 530 के अत्यंत खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा। लालबाग ही नहीं तालकटोरा में भी एक्यूआई 366 और अलीगंज में 346 के स्तर में रिकॉर्ड हुआ। दिनभर शहर प्रदूषण की जबरदस्त गिरफ्त में रहा। शाम पांच बजते-बजते लालबाग में एक्यूआई 486 के घातक स्तर में पहुंच गया। तालकटोरा में 559 और अलीगंज में 363 रिकॉर्ड किया गया।

धुंध से गंभीर स्थिति में पहुंचा प्रदूषण। लालबाग ही नहीं तालकटोरा में भी एक्यूआई 366 और अलीगंज में 346 के स्तर में रिकॉर्ड हुआ।

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिन प्रदूषण के लिहाज से और अधिक खतरनाक हो सकते हैं। दिल्ली की ओर से आने वाली पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवाएं धुंध बढ़ाएंगी जिससे प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। सनद रहे बीते वर्ष नवंबर में एक यूआई 400 से अधिक रिकॉर्ड हुआ था।

बीते दो-तीन दिन से राजधानी में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है जिसके चलते सुबह ओस की नन्हीं बूंदें वातावरण में मौजूद रहती हैं। इसमें प्रदूषित कण रुक कर धुंध (स्मॉग) बनाते हैं। वायुमंडल में इसी धुंध के चलते प्रदूषित कण इकट्ठा होते रहते हैं जिससे हवा बेहद जहरीली हो रही है। नवंबर में प्रदूषण का बढ़ना अप्रत्याशित नहीं है

बीते तीन नवंबर को तमाम दावों के बावजूद उत्तर प्रदेश में ही केवल 174 स्थानों पर कृषि अपशिष्ट या पराली जलाई गई। उधर पंजाब हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं हर रोज नए रिकॉर्ड कायम कर रही हैं। नतीजा यह है कि दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी धुंध की मोटी चादर में लिपटा है। स्काईमेट वेदर एजेंसी के महेश पालावत बताते हैं कि अगले तीन-चार दिन में लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में प्रदूषण बढ़ने की उम्मीद है। वजह यह है कि पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवाएं जो दिल्ली से होकर आ रही हैं अपने साथ प्रदूषण भी ले जा रही हैं

मुरादाबाद सर्वाधिक प्रदूषित

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को मुरादाबाद देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा जहां एक्यूआई 489 पहुंच गया। वहीं बुलंदशहर में 469, बागपत और गाजियाबाद में464, मेरठ 453, ग्रेटर नोएडा 457, नोएडा 450 रहा। साफ है कि प्रदेश के ज्यादातर शहर जबरदस्त प्रदूषण की गिरफ्त में है और शहरवासियों की सेहत दांव पर।

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