उत्तर प्रदेशराज्य

देश में पहली बार महिलाएं चलाएंगी ड्रोन

स्वतंत्रदेश , लखनऊबदलते बनारस के खाते में एक और नई उपलब्धि जुड़ने जा रही हे। देश में पहली बार बनारस की महिलाएं ड्रोन चलाएंगी। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की ओर से खास प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ड्रोन उड़ाने वाली महिलाओं को देश भर में ड्रोन सखी के नाम से जाना जाएगा। बीते रविवार को प्रशिक्षण ले चुकीं पहली 16 महिलाओं ने ड्रोन उड़ाया।

ड्रोन सखियां करेंगी ये खास काम
एनआरएलएम से जुड़ी महिला स्वरोजगार समूहों की सदस्यों ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। ड्रोन सखियां ड्रोन के माध्यम से फसलों पर उर्वरकों और दवाओं का छिड़काव करेंगी। इससे किसानों का समय बचेगा। उन्हें अनावश्यक रूप से फसलों में खाद और दवा छिड़काव के लिए चार से पांच घंटे का वक्त बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। 
दरअसल सीडीओ हिमांशु नागपाल की पहल पर इस योजना को अंजाम दिया जा रहा है। प्रथम चरण में सेवापुरी की पांच, काशी विद्यापीठ की सात और आराजी लाइन ब्लॉक की चार महिलाओं को टिकरी गांव में रविवार को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी गई। उन्हें ड्रोन, ड्रोन कैमरा, उसका उपयोग, उर्वरक छिड़काव, उपकरण नियंत्रण और संचालन आदि के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।  

हर ग्राम पंचायत से महिलाओं का होगा चयन
डीएमए प्रदीप ने बताया कि दूसरे चरण में जिले की सभी ग्राम पंचायतों के लिए ड्रोन सखी तैयार करने की कवायद है। उसके लिए दस-दस ग्राम पंचायतों का एक-एक क्लस्टर बनाकर महिलाओं को प्रशिक्षित कर फसलों पर उनसे दवाओं और उर्वरक का छिड़काव कराया जाएगा। इस तरह जिले में आगे चलकर लगभग 100 ड्रोन सखियों की आवश्यकता होगी। उम्मीद की जा रही है कि सीडीओ के इस अनूठे कदम के कारण देश में बनारस ड्रोन सखियों के मॉडल जनपद के तौर पर उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

प्रधानमंत्री के सामने चलाएंगी ड्रोन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर 17 दिसंबर को वाराणसी आएंगे। 18 दिसंबर को बरकी गांव में जनसभा करेंगे। एनआरएलएम के सूत्रों की मानें तो प्रशिक्षण ले चुकीं 16 ड्रोन सखियां प्रधानमंत्री के सामने ड्रोन चलाएंगी। प्रधानमंत्री उन्हें सम्मानित भी करेंगे। इसे लेकर एनआरएलएम की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। 16 दिसंबर को उन्हें फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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