अलीगंज और चारबाग सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :बारिश प्रदूषण को धो डालती हैं, लेकिन राजधानी के संदर्भ में ऐसा नहीं दिखता। भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) द्वारा मंगलवार को पोस्ट मानसून एनवायरमेंट रिपोर्ट जारी की गई। शहर के नौ इलाके जहां वायु प्रदूषण की नापजोख की गई सभी स्थानों पर प्रदूषण मानक के मुकाबले अधिक मिला। अलीगंज व विकास नगर में पीएम 2.5 सबसे अधिक मिला। हालांकि अच्छी बात यह रही कि बीते दो वर्षों के मुकाबले इस बार प्रदूषण कुछ कम रिकॉर्ड किया गया।
आवासीय क्षेत्रों अलीगंज, विकास नगर, इंदिरा नगर व गोमती नगर में 24 घंटों के दरम्यान पीएम 2.5 औसत 59.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया। वहीं व्यावसायिक क्षेत्र चारबाग, आलमबाग,अमीनाबाद,चौक में 63.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड हुआ।
आवासीय क्षेत्रों में अलीगंज प्रदूषण के मामले में अव्वल रहा जहां पीएम 2.5 सर्वाधिक 67.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया। उधर व्यावसायिक क्षेत्रों में चारबाग सबसे अधिक प्रदूषित मिला। पीएम 2.5 यहां 71.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड हुआ।
अलीगंज से सटे विकास नगर में पीएम 10 की मात्रा सबसे अधिक रिकॉर्ड हुई। यहां मानक 100 के मुकाबले 118.0 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। व्यावसायिक क्षेत्र आलमबाग में पीएम 10 की मात्रा सबसे अधिक 122.0 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मिली। बताते चलें कि पीएम10 और पीएम 2.5 हवा में मौजूद निलंबित कणों के आकार हैं।
लॉकडाउन के बाद बेहिसाब बढ़ा प्रदूषण
लॉकडाउन के दौरान यानी मानसून से पूर्व प्रदूषण स्तर बेहद कम हो गया था जिसे लोगों ने महसूस भी किया था। लेकिन अनलॉक होते ही प्रदूषण बेहिसाब बढ़ गया। यहां तक कि बारिश भी इस प्रदूषण को पूरी तरह से नहीं धो सकी। आईआईटीआर द्वारा मानसून के बाद जारी रिपोर्ट में यह साफ दिखाई दिया
व्यावसायिक ही नहीं आवासीय क्षेत्रों में भी जबरदस्त शोर
बीते वर्षों के मुकाबले वायु प्रदूषण में जरूर कुछ कमी दिखाई दी लेकिन आवासीय हो या व्यावसायिक दोनों ही जगह शोर ने बीते सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। आईआईटीआर द्वारा सितंबर-अक्टूबर माह में की गई मॉनिटरिंग में बीते दो वर्षों के मुकाबले अधिक शोर दर्ज हुआ जो मानक से काफी अधिक रहा। अलीगंज,विकास नगर में रात में भी शोर सर्वाधिक रिकॉर्ड हुआ। वहीं गोमती नगर में अपेक्षाकृत कम शोर रहा।