शहरों में जलभराव से निपटने के लिए बनेगा मास्टर प्लान
स्वतंत्रदेश ,लखनऊप्रदेश सरकार शहरों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जल निकासी का मास्टर प्लान बनवाने जा रही है। पहले चरण में नगर निगम वाले 17 शहरों को इसमें शामिल किया जा रहा है। इसमें एक मीटर से अधिक चौड़े नालों को लिया जाएगा।
इसके लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नगर विकास विभाग के प्रस्ताव अर्बन फ्लड यानी जलप्लावन नियंत्रण एवं स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना के लिए दिशा-निर्देश को स्वीकृति प्रदान कर दी। इसके लिए वर्तमान वित्तीय बजट में एक हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था पहले से की जा चुकी है। जल निकासी की एक स्थायी, सुनियोजित, एकीकृत और समन्वित प्रणाली के विकास के लिए योजना तैयार करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसे लागू करने के लिए नगरीय निकाय निदेशालय व उसके सहयोग के लिए आउटसोर्स के आधार पर प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) का गठन किया जाएगा। इस योजना में नगर निगम जल निकासी का मास्टर प्लान तैयार करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजेंगे। मास्टर प्लान जल निगम की निर्माण इकाई सीएंडडीएस से तैयार कराया जाएगा।
निर्माण पर खर्च के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में यह बताया जाएगा कि किस काम पर कितना खर्च होगा और इससे कितने लोगों को फायदा होगा। इसके आधार पर नगर निगमों को पैसा दिया जाएगा।डीपीआर की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति परियोजना की लागत के अनुसार विभागीय मंत्री, वित्त मंत्री व मुख्यमंत्री के स्तर से प्रदान की जाएगी। योजना की निगरानी, मूल्यांकन, समीक्षा, निर्देश और सलाह देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय शीर्ष समिति का गठन किया जाएगा। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में प्रशासनिक समन्वय समिति का गठन होगा।
कैबिनेट के अन्य निर्णय
- कारखानों में युवाओं व महिलाओं के काम करने को लेकर उत्तर प्रदेश कारखाना नियमावली 1950 के नियम 109 की अनुसूची
- 15,27,28 व 29 में संशोधन को स्वीकृति दी गई।
- पीएसी के लिए 72 नए वाहनों की खरीद की जाएगी।
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन 2022 को समाप्त अवधि के लिए उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2024 का प्रतिवेदन संख्या छह को विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले राज्यपाल की अनुमति ली जाएगी।
- यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा)के कार्यकलापों पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन विधानमंडल में प्रस्तुत करने से पहले राज्यपाल की अनुमति ली जाएगी।
- उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना व स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन विधानमंडल में रखने से पहले राज्यपाल की अनुमति ली जाएगी।
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को वित्त एवं लेखे खंड-1 व खंड-2 वर्ष 2023-24 तथा विनियोग लेखे वर्ष 2023-24 को विधानमंडल में प्रस्तुत करने से पहले राज्यपाल की अनुमति ली जाएगी।