उत्तर प्रदेशराज्य

अलीगढ शराब कांड में नया मोड़

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :जहरीली शराब कांड की जड़ में पहुंचने में जुटी पुलिस को केमिकल कारोबारी विजेंद्र कपूर फिर गुमराह कर रहा है। वह पुलिस को मिथाइल अल्कोहल की सप्लाई देने वाले ठिकाने तक नहीं पहुंचा रहा है। रविवार को दिन में पुलिस उसे बरेली तक लेकर गई। लेकिन वहां से भी मिथाइल सप्लाई के साक्ष्य नहीं मिले। हां, वहां से कपूर को एसडीएस केमिकल की सप्लाई होती थी। वह भी सब एक नंबर में। इसलिए देर शाम पुलिस वहां से कपूर को लेकर वापस लौट आई।

रविवार को दिन में पुलिस उसे बरेली तक लेकर गई। लेकिन वहां से भी मिथाइल सप्लाई के साक्ष्य नहीं मिले।

जहरीली शराब कांड की जांच में जुटी पुलिस को जब यह पता चला कि इस सिंडिकेट को मिथाइल अल्कोहल की सप्लाई तालानगरी में सैनिटाइजर व स्याही फैक्टरी चलाने वाले मशहूर कारोबारी विजेंद्र कपूर देते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उनकी फैक्टरी से काफी मात्रा में मिथाइल व इथाइल अल्कोहल मिला। उसी समय उन्होंने बरेली से खुद को सप्लाई मिलने की बात कही थी। इसके बाद रिमांड के दौरान पुलिस ने पूछताछ की तब भी वहीं से सप्लाई मिलने की बात स्वीकारी। इस पर पुलिस ने तय किया कि कपूर को बरेली लेकर जाया जाए।

इसी क्रम में दूसरी बार फिर कपूर को दो दिन के रिमांड पर लिया गया और रविवार को पुलिस कपूर को लेकर बरेली गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार कपूर पुलिस को बरेली के रामपुर रोड स्थित सीबीगंज के एक एसडीएस केमिकल सप्लायर तक ले गया। मगर, वहां से उसे सप्लाई एक नंबर में बिल बाउचर पर मिली है। उसके साक्ष्य बरेली के सप्लायर ने दिखाए हैं। चूंकि कपूर के पास सॉल्वेंट का लाइसेंस है। इसलिए उसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। इसके बाद कपूर फिर मिथाइल देने वाले ठिकाने को लेकर गुमराह करता रहा और घंटों माथापच्ची के बाद पुलिस उसे वापस ले आई। अब रात में फिर पूछताछ की जाएगी। इसके बाद सोमवार सुबह 10 बजे रिमांड अवधि पूरी होने पर उसे जेल में दाखिल किया जाएगा।

बेशक कपूर पुलिस को मिथाइल की सप्लाई देने वाले ठिकाने तक नहीं पहुंचा रहा। मगर, पुलिस के पास उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। उसके मालिकाना हक वाली फैक्टरी से दो बार में भारी मात्रा में मिथाइल मिलना। पहले सैंपल की जांच में मिथाइल की पुष्टि होना। दस्तावेजों में हेरफेर होना। बिना लाइसेंस इतनी मात्रा में माल रखना और लोगों को बेखौफ बेचना। यह पर्याप्त साक्ष्य हैं। आयुर्वेदिक सैनिटाइजर व सॉल्वेंट लाइसेंस की आड़ में ये सब गोरखधंधा करना उसकी काली करतूतों को उजागर करता है।

 

बिना किसी लाइसेंस के कपूर को इतनी मात्रा में मिथाइल मिलता रहा। वह उसे धड़ल्ले से नकली शराब सिंडिकेट को बेचता रहा। आबकारी महकमे के अनुसार मिथाइल की बिक्री का पश्चिम बंगाल में वैध सप्लाई का ठिकाना है। वहीं से मिथाइल औद्योगिक प्रयोग के लिए किसी भी कारोबारी को मिल सकती है। वह भी निर्धारित मानक, निर्धारित दस्तावेजों पर ही मिलेगी। हां, इथाइल अल्कोहल, एसडीएस जरूर बरेली से मिल सकता है।

नकली घी फैक्टरी संचालक से पूछताछ जारी
जहरीली शराब कांड के मामले में केमिकल कारोबारी विजेंद्र कपूर व शराब सिंडिकेट के बीच की कड़ी बना तालानगरी में नकली घी फैक्टरी चलाने वाला बुलंदशहर निवासी गौतम अभी पुलिस हिरासत में है। उससे पुलिस पूछताछ में जुटी है। पुलिस उससे यह जानने का प्रयास कर रही है कि वह अपनी फैक्टरी में घी की आड़ में बनने वाली शराब की सप्लाई किन-किन ठिकानों पर देता था। उम्मीद है कि उसे भी सोमवार को जेल भेजा जाएगा।

 

 

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