सरयू एक्सप्रेस की दर्दनाक रात
स्वतंत्रदेश,लखनऊ सरयू एक्सप्रेस में 30 अगस्त की सुबह एक महिला मुख्य आरक्षी खून से लथपथ मिली थी। उसके चेहरे, माथे व गले पर धारदार हथियार से हमला किए जाने के निशान थे। साथ ही वह उसके कपड़े भी अस्त-व्यस्त थे। जिसका इलाज चल रहा है।मनकापुर से प्रयागराज जाने वाली सरयू एक्सप्रेस में 30 अगस्त की सुबह एक महिला मुख्य आरक्षी खून से लथपथ मिली थी। उसके चेहरे, माथे व गले पर धारदार हथियार से हमला किए जाने के निशान थे। साथ ही वह उसके कपड़े भी अस्त-व्यस्त थे। जीआरपी ने उसे घायल अवस्था में श्रीराम चिकित्सालय पहुंचाया था, जहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया था। इस मामले में शुक्रवार यानी आज यूपी एसटीएफ और अयोध्या पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुख्य आरोपी अनीस ढेर हो गया। जबकि उसके दो साथी एनकाउंटर में घायल हो गए हैं।
सरयू एक्सप्रेस की जिस बोगी में आरोपी सवार हुए तो उसमें महिला मुख्य आरक्षी के अलावा दो साधू बैठे थे। महिला आरक्षी अपना बैग सिरहाने रखकर नींद में थीं। उसे देखकर अनीस और उसके साथियों ने उसके पास जाकर छेड़खानी शुरू कर दी। विरोध करने पर अनीस ने उसके गाल पर ब्लेड से हमला किया और उसका सिर कई बार खिड़की से लड़ा दिया। फिर तीनों उसके साथ जबरदस्ती करने का प्रयास करने लगे और उसके कपड़े फाड़ दिए।
अचानक अयोध्या जंक्शन से करीब दो किमी पहले रामगढ़ हाल्ट पर ट्रेन धीमी होने लगी, जिससे तीनों को शक हुआ कि किसी ने चेन पुलिंग कर दी है। तीनों घबराकर ट्रेन से कूद गए और ऑटो से अयोध्या आने के बाद अलग-अलग फरार हो गए। एसटीएफ को अनीस के मोबाइल की लोकेशन बीटीएस से मिली, जिसके समानांतर महिला आरक्षी और बाकी दोनों हमलावरों की लोकेशन भी मिल रही थी। इसके बाद एसटीएफ ने तीनों की तलाश शुरू की और एनकाउंटर में अनीस को ढेर कर दिया। उसके बाकी दोनों साथी भी पुलिस की गोली लगने से घायल हुए है।