कई जिलों में घना कोहरा और शीतलहर की चेतावनी
स्वतंत्रदेश ,लखनऊदिन भर खिली धूप में ठंड से राहत है, लेकिन शाम ढलते ही ठंडी हवाओं ने गलन का एहसास कराना शुरू कर दिया। प्रदेश के कई जिलों में सुबह और रात के समय घना कोहरा छाया हुआ है। जबकि कई जिलों में शीतलहर जारी है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में घना कोहरा रहेगा, रात के तापमान में और गिरावट हो सकती है।

आज का मौसम का हाल
16 और 17 दिसंबर को आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं और आसपास इलाकों में घना कोहरा रहेगा। वहीं, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास क्षेत्र में शीतलहर की चेतावनी दी गई है।चार दिनों में हाड़ कंपाने वाली ठंड का सितम जारी है। दो दिन पहले तक प्रदेश के टाप टेन जिलों मे बरेली के न्यूनतम तापमान ने नैनीताल को भी पीछे छोड़ दिया था। हालांकि रविवार को न्यूनतम तापमान ने राहत दी लेकिन ठंड का प्रकोप जारी रहा। शनिवार को जहां न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया वहीं रविवार को यह सवा डिग्री बढ़कर 5.6 डिग्री तक पहुंच गया।
छह डिग्री से नीचे बना रहेगा तापमान
मौसम विज्ञानियों की माने तो अभी सोमवार को भी तापमान छह डिग्री सेल्सियस से नीचे ही बना रहेगा। मंगलवार को कोहरा छाएगा तो इसी दिन से चलने वाली पछुआ हवा तापमान को कमजोर कर देगा। इसका असर दिखेगा और न्यूनतम तापमान बढकर ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिल जाएगी। उधर प्रदेश में सबसे ज्यादा ठंड वाला जिला अयोध्या रहा जहां तापमान ढाई सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। बरेली मंडल में बरेली से कम तापमान शाहजहांपुर का रहा जहां न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।नौ दिसंबर के बाद से रात का तापमान गिरा तो गिरता ही चला गया। दस डिग्री सेल्सियस से यह गिरते गिरते शनिवार को 4.4 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा जो प्रदेश के कम तापमान वाले आखिरी के दस जिलों में शुमार हो गया था। इसके साथ ही नैनीताल से भी ज्यादा ठंड वाला बरेली बन गया था।
तेज धूप से मिली राहत
रविवार को थोडी राहत जरूर मिल गई। तेज धूप की वजह से लोगों को दिन में तो राहत मिली लेकिन शनिवार की रात कष्टकारी रही। शहर के साथ ग्रामीणांचल तक लोग ठिठुरते ही रहे। किसी ने अलाव के सामने रात बिताई तो तमाम लोग घरों में ही कैद रहे। जो किसान पशुओं से फसल की रखवाली करते थे वह भी रात में अपने घर में रहना मुनासिब समझे। सड़कों पर विचरण करने वाले बेसहारा पशु भी परेशान दिखे तो पक्षी भी।