उत्तर प्रदेशराज्य

 डिप्टी सीएम केशव मौर्य का राहुल-अखिलेश पर तंज

स्वतंत्रदेश ,लखनऊयूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शामिल हुए। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना यह भाजपा का वैचारिक मुद्दा रहा है। देश के करोड़ों लोग ऐसे रहे हैं जो इस आंदोलन से जुड़े हैं। यह भावनाओं का मुद्दा है चुनावों का मुद्दा नहीं है। यदि चुनावों में इसके फायदे की बात करें तो इसका लाभ उनको नहीं होगा जिन्होंने राम को काल्पनिक बताया था या जिन्होंने कार सेवकों पर गोली चलाई थी। 

साधा राहुल अखिलेश पर निशाना
डिप्टी सीएम ने कहा कि 2017 में यूपी के इन लड़कों की जोड़ी यूपी देख चुकी है। अब यूपी के ये लड़के बूढ़े हो चुके हैं। जब ये 2017 में हमें नहीं रोक पाए तो अभी इस प्रचंड लहर में हमें नहीं रोक पाएंगे। हम यूपी की सभी 80 की 80 सीटें जीतने जा रहे हैं।

सपा-बसपा-कांग्रेस मिल भी जाएं तो फर्क नहीं
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बसपा को लेकर हमारे पास रणनीति है। इसका हम मंच पर खुलासा नहीं कर सकते। लेकिन यह तय है कि यदि सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों मिल भी जाएं तब भी बीजेपी सभी 80 सीटें जीतने जा रही है।  

पेपर लीक पर कड़े कानून 
पेपर लीक पर सरकार ने कड़े कदम उठाए और छह माह में फिर से भर्ती कराने का आदेश जारी किया है। हम कड़े कानून बनाने का काम कर रहे हैं।

दोबारा परीक्षा में दिक्कत होती है
दोबार परीक्षा कराने में काफी दिक्कतें होती है। बहुत सारे सामान्य परिवारों के लोगों का आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। भविष्य में ऐसा दुबारा न हो इस पर कड़े कदम उठाए जाएंगे।

जाति जनगणना मुद्दे में दम नहीं
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जाति जनगणना के मुद्दे में विपक्ष में दम नहीं है। जब सत्ता में थे तो किसी का ध्यान नहीं रखा। जब सत्ता में नहीं है ओर दूर दूर तक सत्ता में आने की संभावना नहीं है तो ऐसे मुद्दे उठाकर चर्चा में रहना चाहते हैं।

यूपी के युवाओं को नशेड़ी कहना अपमान
केशव ने कहा कि यूपी की जनता ने 2014, 2017 और 2019 में देश की जनता ने राहुल गांधी का नशा उतारा था। अब यूपी की जनता एक बार फिर से उनका नशा उतारेगी। इस बार रायबरेली की जनता उनका नशा उतार देगी। प्रदेश की जनता को नशेड़ी कहना जनता का अपमान है। 

बताया कैसी फिल्में देखते हैं
केशव मौर्य ने कहा कि फिल्मों के लिए बहुत कम समय मिल पाता है। लेकिन उसमें जो समय मिल पाता है उसमें डिस्कवरी चैनल, राष्ट्रवादी फिल्में देखता हूं। कई सारी फिल्में उनके नाम की वजह से ही देखने का मन नहीं करता।

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