उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के समीकरण किसकी तरफ
स्वतंत्रदेश, लखनऊतीन राज्यों की 15 राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान जारी है। इनमें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में उतरे। इसी तरह कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में उतरे। हिमाचल प्रदेश की एक सीट के लिए दो उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। 12 राज्यों से 41 उम्मीदवार पहले ही राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इनमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तक शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में पहले से ही चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही थी। मतदान के दिन सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने पद से इस्तीफा दे दिया। दावा किया जा रहा है कि सपा के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। ऐसे में राज्य में राज्यसभा का चुनाव दिलचस्प हो गया है।
मौजूदा चुनाव में सबसे ज्यादा 10 सीटें उत्तर प्रदेश में खाली हो रही हैं। इन 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें नौ भाजपा के हैं। इनके अलावा सपा की जया बच्चन का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। जया को सपा ने फिर से टिकट दिया। जया के अलावा सपा ने रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को भी उम्मीदवार बनाया। वहीं, भाजपा की ओर से आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, सुधांशु त्रिवेदी, साधना सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ मैदान में उतरे।
वोट का गणित क्या है?
उत्तर प्रदेश विधानसभा 403 सदस्यीय है। वर्तमान में चार सीटें खाली होने से कुल 399 विधायक मतदान में हिस्सा ले सकते हैं। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 प्राथमिक वोटों की जरूरत है। सपा के पास 108 विधायक हैं। पार्टी दो उम्मीदवारों को जिताने की स्थिति में है। जबकि तीसरे उम्मीदार को जिताने के लिए तीन प्रथम वरीयता के वोटों की जरूरत है। दो विधायकों वाली कांग्रेस ने सपा उम्मीदवारों को समर्थन की बात कही थी। दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट देंगे।वहीं, भाजपा और उसके सहयोगियों के पास सात सदस्यों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्याबल है। राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल ने भाजपा उम्मीदवारों को वोट करने का एलान किया है। ऐसे में आठवें उम्मीदवार के लिए भाजपा और सहयोगियों के पास प्रथम वरीयता के 29 वोट हैं। आठवें उम्मीदवार को जिताने के लिए प्रथम वरीयता के आठ वोट कम हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि अब तक विपक्ष के 10 विधायकों ने भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया है। कुल 14 विपक्षी विधायक भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करेंगे। अगर मौर्य का दावा सही है तो भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे।
क्रॉस वोटिंग भी हो रही है क्या?
राज्यसभा चुनाव में मतदान से पहले क्रॉस वोटिंग की आशंकाएं थीं। सपा अध्य्क्ष अखिलेश यादव ने सोमवार रात में अपने विधायकों को पार्टी कार्यालय में भोज भी दिया। इसमें सात से आठ विधायकों के गैर हाजिर रहने की बात सामने आई। अब कहा जा रहा है कि सपा के 10 विधायक भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट कर सकते हैं। इन अटकलों को बल तब और मिला जब मतदान से पहले समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे ने मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया। मनोज के साथ ही सपा के कई अन्य विधायक बागी हो गए हैं। तीन विधायकों ने खुद संयुक्त बयान जारी किया और कहा कि वो अंतरात्मा की आवाज पर वोट देंगे। इनमें अमेठी के गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह, अयोध्या जनपद के विधायक अभय सिंह और अंबेडकरनगर से विधायक राकेश पांडे हैं।