उत्तर प्रदेशराज्य

गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम

स्वतंत्रदेश ,लखनऊगंगा नदी को अविरल, निर्मल और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार गंगा नदी के किनारे बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती और वनीकरण को बढ़ावा दे रही है।सरकार गंगा के किनारे के सभी जिलों में गंगा वन विकसित करेगी। कासगंज सहित कई और जिलों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। सरकार का यह प्रयास है कि ये वन बहुपयोगी हों और इनमें संबंधित जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार परंपरागत से लेकर दुर्लभ और औषधीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएं।

नदी के दोनों किनारे होगी प्राकृतिक खेती

कुछ ऐसी ही परिकल्पना गंगा सहित अन्य नदियों के किनारे बनने वाले बहुउद्देश्यीय तालाबों के किनारे भी पौधरोपण को लेकर की गई है। सरकार की योजना है कि प्रदेश में गंगा जिन जिलों से गुजरती है, उन सभी जिलों में दोनों किनारों पर 10 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए।रासायनिक खादों की बजाय जैविक उत्पादों का प्रयोग किया जाएगा। इससे रिसाव के जरिये रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का जहर गंगा नदी में घुलने से रोका जा सकेगा। गंगा नदी के तटवर्ती 27 जिलों में नमामि गंगे योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत रसायनमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।गंगा के किनारे के एक हजार से अधिक गांवों में प्राकृतिक खेती हो रही है। जिन पांच हजार क्लस्टर्स में 18 हजार से अधिक किसान लगभग 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उनमें नमामि गंगा योजना के तहत ही 3300 क्लस्टर्स में लगभग 6500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती हो रही है। इस खेती से जुड़े किसानों की संख्या एक लाख से अधिक है।पिछले महीने से ही बन रहा है सरकार का प्लान

बता दें कि इससे पहले नवंबर के महीने में प्लान तैयार हो गया था। गंगा को सीवेज ने अशुद्ध कर दिया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हाल ही इस नदी के पानी को आचमन लायक भी नहीं बताया था। तभी से सरकार ने गंगा नदी के पानी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। अलीगढ़ समेत प्रदेश के 30 जिलों में जिला गंगा प्लान बनाने की तैयारी को लेकर बात चल रही थी।

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