पेपर लीक करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 6 को किया गिरफ्तार
स्वतंत्रदेश,लखनऊसिपाही नागरिक पुलिस की सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर आउट करने की कोशिश करने गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश करते हुए झांसी से दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले दो युवकों को वाराणसी से दबोचा गया है। परीक्षा से पूर्व एसटीएफ नकल माफिया और सॉल्वर गैंग पर पैनी नजर बनाए हुए है।
एसटीएफ ने झांसी से शामली निवासी मोनू कुमार और बिहार के नालंदा निवासी रजनीश रंजन को पेपर लीक करने की कोशिश करने के आरोप में पकड़ा है। उनके पास से स्कार्पियो, फारच्यूनर गाड़ी, 10 एडमिट कार्ड, तीन मोबाइल बरामद हुए है।एसटीएफ की नोएडा यूनिट को सूचना मिली थी कि मोनू कुमार सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराकर उसे अभ्यर्थियोें से पैसा लेकर पढ़वाने के लिए झांसी पुलिस लाइंस की ओर आने वाला है। इस सूचना पर मोनू कुमार और उसके साथी रजनीश को दबोच लिया गया। पूछताछ में मोनू कुमार उर्फ मोनू गुर्जर ने बताया भारतीय नौ-सेना में भर्ती होने के बाद वह उड़ीसा में ट्रेनिंग के दौरान छुट्टी पर आया था, जिसके बाद वापस नहीं गया। वह दिल्ली में एसएससी की तैयारी करने लगा।
मिलकर परीक्षा में करते थे धांधली
जहां उसकी मुलाकात परीक्षाओं में धांधली करने वाले मथुरा निवासी मोनू पंडित से हुई। दोनों मिलकर ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में स्क्रीन शेयरिंग के माध्यम से धांधली करने लगे। मोनू कुमार ने वर्ष 2022 में झांसी में ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षा कराने की एक लैब भी स्थापित कर ली थी और वहां आयोजित होने वाली परीक्षाओं में धांधली करने लगा। दो वर्ष पूर्व लीक हुआ टीईटी का पेपर उसे माेनू पंडित ने ही भेजा था। मोनू पंडित के जरिए वह पेपर लीक करने वाले गैंग के सदस्य मेरठ निवासी आशीष पालीवाल एवं अतुल पालीवाल से मिला। सिपाही भर्ती परीक्षा में भी इस गैंग ने प्रत्येक अभ्यर्थी से पेपर आउट कराकर पढ़वाने के लिए 8-10 लाख रुपया तय किया गया था। बीते वर्ष वह रजनीश रंजन से मिला था, जिसके बाद दोनों बिहार की प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने लगे। वर्ष 2023 में राम मनोहर लोहिया अस्पताल की परीक्षा, जो उसकी खुद की झांसी स्थित रघुनाथ प्रसाद तिवारी लैब में हुई थी, उसका रिमोट एक्सेस से पेपर आउट कराना था, लेकिन सर्वर डाउन होने से परीक्षा नही हो पाई थी। मोनू कुमार और मोनू पंडित ने हरियाणा की वेटनरी परीक्षा का पेपर भी आउट कराया था, जिसके लिए अभ्यर्थियों से 8 लाख रुपये लिए थे। बाद में यह परीक्षा निरस्त हो गयी थी।
वाराणसी से दो ठगों को पकड़ा, सरगना फरार
वहीं दूसरी ओर सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले दो युवकों चंदौली निवासी प्रिंस कुशवाहा और मिर्जापुर निवासी विजय कुमार राय को एसटीएफ ने वाराणसी से पकड़ा है। जबकि इस गिरोह का सरगना गाजीपुर निवासी वंशराज सिंह कुशवाहा फरार होने में कामयाब हो गया। उनके पास से 8 प्रवेश पत्र, 32 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज, 24 सादे चेक, 18 सादे स्टांप पेपर बरामद हुए है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनके गैंग का सरगना वंशराज ने अपने साथियों के साथ अभ्यर्थियों से संपर्क साधकर कर परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए 10-10 लाख रुपये तय किए थे। एडवांस के तौर पर 50-50 हजार रूपये, मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र, प्रवेशपत्र, हस्ताक्षरयुक्त सादे चेक एवं सादा स्टांप पेपर लिया गया था। वंशराज सिंह ने 15 फरवरी को बिहार के बक्सर से कुछ अभ्यर्थियों को पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र (फर्जी/काल्पनिक) सॉल्व करने बुलाया था। उसने यह फर्जी प्रश्नपत्र खुद बनाया था। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष ग्रामीण डाक सेवा (जीडीएस) में मेरिट के आधार पर पोस्टमैन की भर्ती निकली थी, जिसमें उन्होंने अभ्यर्थियों से 50-50 हजार ठगे थे