उत्तर प्रदेशराज्य

 यूपी पुलिस को बड़ी कामयाबी

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:बरेली जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के गुर्गे लल्ला गद्दी को पुलिस ने दबोच लिया। एसओजी (स्पेशल आपरेशन ग्रुप) की टीम ने सोमवार रात करीब 11 बजे सैटेलाइट चौराहे पर स्थित उसे गाड़ी में ले जाती नजर आई। इसका वीडियो भी सामाने आया है। हालांकि एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इससे इनकार किया है। 

6 सेकंड की वीडियो की शुरुआत में लल्ला गद्दी सेटेलाइट चौराहे पर ओवर ब्रिज के नीचे खड़ा दिखाई दे रहा है। तभी एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा सरकारी गाड़ी से पहुंचते हैं और उसे अपने साथ गाड़ी में बैठा कर ले जाते हैं। 

प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने में बरेली जेल में बंद अशरफ का नाम सामने आने के बाद से पुलिस लल्ला गद्दी की तलाश कर रही थी। 

अशरफ से मुलाकात कराने वालों में था शामिल
उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने वालों की मुलाकात अशरफ से कराने में मदद करता था। लल्ला गद्दी के साथ अशरफ का साला सद्दाम की शामिल था। सद्दाम पीलीभीत बायपास स्थित खुशबू एनक्लेव किराए के मकान में रहता था। पुलिस ने बिथरी थाने में लल्ला गद्दी और सद्दाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसकी जांच एसआईटी कर रही है। उधर, जेल में अशरफ से अवैध तरीके से मुलाकात कराने के मामले में जेलर और डिप्टी जेलर समेत सात निलंबित हो चुके हैं। दोस्त भाइयों के साथ कई लोग गिरफ्तार भी हो चुके हैं।

जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जा रही है। बृहस्पतिवार को जिला जेल में पहुंचकर एसआईटी ने फिर जांच की। जेल अधीक्षक पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। उनके खिलाफ कुछ और साक्ष्य टीम को मिले हैं। हालांकि वह खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश में लगे हैं और शिवहरि व मनोज गौड़ जैसे छोटे कर्मचारियों पर ही सारा ठीकरा फोड़ रहे हैं।

11 फरवरी को अतीक के बेटे असद सहित नौ लोगों ने की थी अशरफ से मुलाकात
आपको बता दें कि  माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटरों समेत नौ लोगों ने 11 फरवरी को अशरफ से जिला जेल में मुलाकात कर उमेश पाल की हत्या की योजना बनाई थी। सीसीटीवी फुटेज से फिलहाल चार लोगों की पहचान एसआईटी ने कर ली है।उमेश पाल की हत्या की योजना साबरमती जेल गुजरात और बरेली की जिला जेल में बनाई गई थी। 11 फरवरी को नौ लोगों ने यहां बंद पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ से मुलाकात की थी। हालांकि, यहां के अधिकारी लगातार इस बात से इंकार कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स और प्रयागराज से मिले इनपुट के आधार पर तत्कालीन एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने सीओ थ्री के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर मामले की जांच शुरू कराई तो मामला परत दर परत खुलता चला गया।

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