उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनऊ यूनिवर्सिटी में एक शिक्षक सहारे खगोल विज्ञान

 

स्वतंत्रदेश , लखनऊ :खगोल विज्ञान की पढ़ाई कई अन्य समस्याओं से भी जूझ रही है। लविवि में इसे गणित विभाग के अधीन किया हुआ है।यहां पीएचडी के लिए ज्यादातर फिजिक्स के विद्यार्थी ही आते हैं। ऐसे में अलग विभाग न होने से इसमें तकनीकी समस्याएं आती हैं।

एक शिक्षक के भरोसे चल रही खगोल विज्ञान की पढ़ाई लविवि में गणित एवं खगोल विज्ञान विभाग विवि की स्थापना के समय यानी वर्ष 1921 से ही है। उस समय से ही खगोल विज्ञान गणित विभाग के अधीन है।

खगोल विज्ञान और गणित दोनों साथ होने से यहां पीएचडी के विद्यार्थी मिलने में भी समस्या होती है। दोनों विभाग साथ होने और खगोल विज्ञान में शिक्षक की कमी से एमएससी में ज्यादातर विद्यार्थी गणित के ही होते हैं। खगोल विज्ञान में शोध के लिए फिजिक्स से भी काफी विद्यार्थी इच्छुक होते हैं। ऐसे में इन्हें इनरोल करने में तकनीकी समस्या भी खड़ी होती है।

नासा तक पहुंचे यहां के विद्यार्थी

खगोल विज्ञान विभाग की शिक्षिका डॉ. अलका मिश्रा बताती हैं कि यहां से पढ़े विद्यार्थी दुनिया भर में फैले हुए हैं। वर्तमान समय में यहां के तीन विद्यार्थी नासा के साथ काम कर रहे हैं। इस सिलसिले को कायम रखने के लिए शिक्षक की कमी दूर करनी होगी।

पीएचडी के विद्यार्थी मिलने में भी समस्या

खगोल विज्ञान और गणित दोनों साथ होने से यहां पीएचडी के विद्यार्थी मिलने में भी समस्या होती है। दोनों विभाग साथ होने और खगोल विज्ञान में शिक्षक की कमी से एमएससी में ज्यादातर विद्यार्थी गणित के ही होते हैं।

 

 

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