उत्तर प्रदेशराज्य

 आईसीयू के बाहर झोले में टांगकर बेची जा रहीं दवाएं, चल रहा कमीशन का खेल

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के पांचवें तल पर बने आईसीयू के बाहर निजी दवा वेंडरों ने दुकानें सजा रखी हैं। ये झोले में टांगकर आईसीयू की महंगी दवाएं मरीजों को बेच रहे हैं। यह सब डॉक्टरों व रेजिडेंट्स की आंख के सामने चल रहा है, लेकिन कमीशन के खेल के चलते सभी खामोश हैं। केजीएमयू प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। आईसीयू के बाहर निजी दवा वेंडर ऑन डिमांड तीमारदारों को दवा उपलब्ध करा रहे हैं। खास ये कि वेंडर सिर्फ आईसीयू की महंगी दवाएं ही बेचते हैं। दूसरे विभागों की दवाएं इनके पास आसानी से नहीं मिलती हैं। मामले में एक तीमारदार और दवा वेंडर में बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें वेंडर आईसीयू दवाएं सस्ती दर पर देने का दावा कर रहा है।


तीमारदार : 
हमारा मरीज आईसीयू में भर्ती हैं, दवाएं मिलेंगी क्या?
वेंडर : पर्चा दिखाओ फिर बताते हैं कौन-कौन सी दवा मिलेगी।

तीमारदार : प्रिंट रेट से कितनी सस्ती मिलेगी दवा?
वेंडर : 
हर दवा प्रिंट रेट से 20 फीसदी सस्ती मिलेगी।

तीमारदार : यह रहा दवा का पर्चा, कितनी दवाएं मिलेंगी?
वेंडर : 
अभी आधी से अधिक आईसीयू की दवाएं मिल जाएंगी, जो नहीं हैं उन्हें मंगवाकर दिलवा देंगे।

तीमारदार : यहां पर बाहर से दवाएं खरीदने पर काेई रोक तो नहीं है?
वेंडर : 
बिना सेटिंग व कमीशन के अंदर घुसने नहीं दिया जाएगा, आप इसकी चिंता न करें।

स्टाफ भी इन वेंडरों से दवा खरीदने को कहता है
ट्रॉमा सेंटर के पांचवें तल पर बने आईसीयू की गैलरी में दवा वेंडर झोला टांगकर दवाएं बेंच रहे हैं। स्टाफ भी इन वेंडरों से दवाएं खरीदने को बोलते हैं, ताकि जल्द दवा मिल सके। सबसे अहम बात यह है कि फैकल्टी व सीनियर रेजीडेंट आंख बंद कर आईसीयू से बाहर निकल जाते हैं। वह इन वेंडरों पर नकेल तक नहीं कसवा रहे हैं।

खामियां मिलीं तो कराएंगे कार्रवाई
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि सभी संकाय सदस्य व सीनियर रेजीडेंट को निर्देश है कि वह मरीजों को एचआरएफ या जन औषधि केंद्र की दवाएं लिखें। ट्रॉमा के अंदर कोई भी बाहरी व्यक्ति दवा व सामान की ब्रिकी नहीं कर सकता है। प्रकरण की जांच कराएंगे। खामियां मिलने पर सख्त कार्रवाई कराएंगे।

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