उत्तर प्रदेशराज्य

बरेली-लखनऊ आना जाना हुआ महंगा

स्वतंत्रदेश,लखनऊलखीमपुर खीरी के मैगलगंज में लखनऊ-बरेली नेशनल हाईवे-30 पर शुक्रवार से टोल प्लाजा की शुरुआत हो गई। इससे लखनऊ और बरेली की ओर जाने वाली गाड़ियों का सफर कम से कम 130 रुपये महंगा हो गया है। अब इस रूट पर बरेली से लखनऊ के बीच वाहनों को चार जगह टोल टैक्स देना होगा। वहीं टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी ने आसपास के 20 किलोमीटर के दायरे के गांव वालों को राहत दी है। उनके लिए मासिक पास की व्यवस्था की गई है। शुक्रवार सुबह आट बजे टोल टैक्स का उद्घाटन क्षेत्रीय और मैगलगंज थाना प्रभारी विवेक उपाध्याय ने फीता काटकर किया। इसके बाद आने जाने वाले सभी वाहनों से वसूली की गई। सबसे कम टोल टैक्स 130 रुपये का है, जबकि सबसे महंगा 830 रुपये का है। 

जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने गुड़गांव की कंपनी स्काईलार्क इंफ्रा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को टोल प्लाजा पर वसूली का ठेका दिया है। कंपनी का अनुमान है कि 24 घंटे में टोल प्लाजा पर करीब 18,000 वाहनों का आवागमन होगा। इसके एवज में कंपनी ने 27.5 लाख रुपये प्रतिदिन एनएचएआई को देने का करार किया है।

330 रुपये में बनेगा ग्रामीणों के लिए पास
स्काईलार्क इंफ्रा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर ऑपरेशंस जगभान प्रसाद ने बताया कि टोल प्लाजा के आसपास के 20 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले ग्रामीणों को हाईवे पर आने जाने में रियायत दी जाएगी। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि 330 रुपये प्रति माह के हिसाब से पास बनेगा। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को आधार कार्ड और अपने वाहन के असली दस्तावेज दिखाने होंगे। सिर्फ निजी वाहनों के लिए ही 330 रुपये देने होंगे। जबकि, व्यावसायिक वाहनों के आधा टोल लगेगा। उसके लिए शर्त है कि उस भारी वाहन का पंजीकरण लखीमपुर खीरी में हो। जगभान प्रसाद ने बताया कि यह एनएचएआई की गाइडलाइन है, जिसके तहत 20 किमी के दायरे वाले ग्रामीणों को राहत दी जा रही है।

वाहन चालकों को अदा करना होगा यह टोल शुल्क
वाहन………………………………..एक तरफ……..दोनो तरफ
कार, जीप, हल्के मोटर वाहन……130…………….190
हल्के व्यावसायिक वाहन………….205…………….310
बस और ट्रक…………………………435…………….650
थ्री एक्सल कॉमिर्शियल वाहन….475……………..710
एचसीएम, ईएमई, एमएवी………680…………….1020
ओवरसाइज वाहन………………830…………….1245

आधी-अधूरी तैयारी, राहगीरों पर पड़ेगी भारी
टोल प्लाजा के आसपास अभी आधा अधूरा निर्माण हुआ है। टोल के ऊपर शौचालय निर्माण भी नहीं हो सका है। आधे टोल गेट में पेड़ खड़े हुए हैं। गोमती पुल की छत क्षतिग्रस्त है। जहां एक लाइन पूरी तरह से बंद की गई है। आधी अधूरी तैयारी राहगीरों पर भारी पड़ने वाली है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि जल्दी ही कमियों को दूर कर लिया जाएगा।अधूरा निर्माण नहीं है, थोड़ा बहुत ही काम बचा है। एनएचएआई की गाइडलाइन है कि 75 प्रतिशत से ज्यादा अगर काम पूरा हो जाता है, तो टोल टैक्स की शुरूआत की जा सकती है। हमारा 75 प्रतिशत से भी ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो गया है। 10-15 प्रतिशत जो काम शेष रह गया है, उस पर भी तेजी से काम चल रहा है। 

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