उत्तर प्रदेशराज्य

बसों की संख्या घटने से बढ़ी यात्रियों की परेशानी

स्वतंत्रदेश, लखनऊ:समय पूरा कर चुके वाहनों को हटाने के आदेश के चलते परिवहन निगम की 1936 बसें अब तक बेड़े से हटा दी गईं हैं। इससे यात्रियों को परेशानी बढ़ गई है। बस के लिए यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि विभाग का दावा है कि 650 बसों की बॉडी बन रही है। इन्हें जल्द ही बेड़े में शामिल किया जाएगा। इससे यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है।पैसेंजर ट्रेनों के बंद होने के बाद यात्रियों के लिए सरकारी बसें आवागमन का सबसे बड़ा जरिया हैं। लेकिन, इधर पुरानी बसों को बेड़े से हटाने से अधिकतर डिपो में बसों का संकट हो गया। करीब 1025 नई बसें बेड़े में शामिल हुईं, फिर भी करीब 900 बसों का गैप है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। मुरादाबाद के यात्री विनोद कुमार कहते हैं कि बस कम होने का असर रात्रि सेवा में आया है। बरेली, अमरोहा, संभल आदि के लिए बसें कम मिल रही हैं। शाहजहांपुर के अशफाक अली कहते हैं कि पहले लखनऊ के लिए खूब बसें मिलती थीं, पर अब काफी देर इंतजार करना पड़ता है।

1025 बसें खरीदी गई हैं, 650 की बॉडी बन रही है। 1300 बसों का टेंडर होने वाला है। 1200 बसों का अनुबंध हो चुका है। 5 हजार निजी बसों को चलाने की भी तैयारी। इसमें बस संचालक को लगभग 7 रुपये प्रति किमी रोडवेज को प्रशासनिक शुल्क देना होगा। बाकी सारी आय व्यय सब उसका अपना होगा। इन उपायों से व्यवस्था में सुधार होगा।
धार्मिक स्थलों के लिए नई 250 इलेक्ट्रिक बसों की तैयारी

धार्मिक स्थलों तक लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए निगम बेड़े में 250 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए भारत सरकार की फेम टू स्कीम के तहत मिलने वाले 40 प्रतिशत अनुदान के लिए पत्र भेजा है। प्रबंध निदेशक परिवहन निगम मासूम अली सरवर के मुताबिक धार्मिक स्थलों अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट को लखनऊ से इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से सीधे जोड़ा जाएगा।बेड़े से हटी बसों की भरपाई का पूरा प्रयास है। यह योजना है कि रोडवेज विभाग हर व्यक्ति तक अपनी पहुंच बनाए। गांवों पर भी फोकस है। नई बसें खरीद रहे हैं। पांच हजार बसें अनुबंध पर रख रहे हैं। बस स्टेशनों की सूरत बदल रही है। हम 1675 बसें खरीद चुके हैं, जिनमें 650 जल्द ही सड़कों पर होंगी। रोडवेज हर व्यक्ति को यात्रा सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। – दयाशंकर सिंह, परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
 

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