15 गुना से कम हुए सफल
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ’;उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस, एसीएफ-आरएफओ (सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा, सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी) 2021 प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। पीसीएस, एसीएफ/आरएफओ-2021 की भर्ती आयोग नए नियम से करा रहा है। बदले नियम के अनुसार पदों के सापेक्ष मुख्य परीक्षा के लिए 15 गुना और साक्षात्कार के लिए तीन गुना अभ्यर्थियों को सफल होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सफल अभ्यर्थियों की संख्या 15 गुना से कम है। इससे प्रतियोगियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि आयोग ने प्रतियोगियों के साथ धोखा किया है। वहीं, आयोग का कहना है कि भर्ती नए नियम से कराई जा रही है, कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2021 की मुख्य परीक्षा के लिए कुल 694 पदों के सापेक्ष 7,984 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि घोषित परिणाम पर गौर करें तो पदों के सापेक्ष लगभग 11 गुना अभ्यर्थी ही सफल घोषित किए गए हैं। आयोग प्रतियोगियों के साथ लगातार अन्याय कर रहा है। कहा कि पहले प्रारंभिक परीक्षा में पद के सापेक्ष 18 गुना अभ्यर्थियों को उतीर्ण किया जाता था। उसे 2019 से घटाकर 13 गुना कर दिया गया। इसी तरह साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों की संख्या तीन की जगह दो गुना कर दी गई थी। मौजूदा अध्यक्ष ने नियम में बदलाव तो किया परंतु उसके अनुरूप परिणाम घोषित नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि पीसीएस-2021 का परिणाम सात-आठ ग्रुपों में जारी किया गया है। एससी-एसटी के न्यूनतम 35 प्रतिशत व सामान्य तथा ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य है। इससे कम अंक पाने वालों को शामिल नहीं किया जाता, जबकि कुछ अभ्यर्थी सीसैट में ही छंट गए थे। योग्य अभ्यर्थियों के न मिलने के कारण कई ग्रुप ऐसे हैं जिसमें सफल होने वालों की संख्या 15 गुना से कम है, जबकि कई ग्रुपों में नियमानुसार 15 गुना अभ्यर्थी सफल हुए हैं।