दूसरीं महिलाओं को कर रही आत्मनिर्भर
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:वर्ष 2014 में पति की नौकरी छूटने के बाद आर्थिक स्थिति बिगडऩे लगी तो भदानी निवासी सविता ने खुद परिवार की कमान संभाली और आज तक परिवार का खर्च चल रहीं हैैं। आज दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रही हैैं।
गांव भदानी निवासी सविता देवी बताती हैैं कि उनके पति धर्मदास गेस्ट टीचर थे और मेवात में ड्यूटी थी। अक्टूबर 2014 में एक दिन जब उनके पति घर लौट रहे थे, सड़क हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आईं और वह कई दिन तक उठ-चल तक नहीं सके। काफी प्रयास किए, लेकिन नौकरी नहीं बचा पाए। घर पर आय का मुख्य साधन भी उनके पति की नौकरी ही थी। नौकरी छूटने के कारण आर्थिक तंगी भी सताने लगी।
परिवार का खर्च व तीन बच्चों की पढ़ाई का बोझ भी उनके कंधों पर था। वर्ष 2015 में वह स्वयं सहायता समूह से जुड़ी। उन्होंने गांव की दस महिलाओं के साथ ऊँ नम: शिवाय नाम से स्वयं सहायता समूह शुरू किया। जिसमें वे खजांची हैं। सभी महिलाएं खुद से पैसे एकत्रित करतीं और जरूरत पडऩे पर पैसे ले लेतीं। वहीं सरकार ने भी उनकी मदद की। वर्ष 2015 के अंतिम दिनों में उन्होंने गांव में ही कॉस्मेटिक्स की दुकान भी शुरू कर ली।
अब तक 12 महिलाओं का शुरू करवा चुकीं स्वरोजगार
सविता ने बताया कि खुद की दुकान शुरू करने के बाद उन्होंने स्वावलंबी बनकर परिवार को संभाला ही नहीं, दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की राह पर चल पड़ीं। गांव की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोडऩे व उनके काम शुरू करवाने का अभियान छेड़ दिया। अब तक वे गांव में करीब 12 महिलाओं की अलग-अलग दुकानें शुरू करवा चुकी हैं। इनमें से करीब 3 महिलाओं की दुकान तो हाल ही में शुरू करवाई हैं। दुकान शुरू करवाने के अलावा महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जुडऩे व आत्मविश्वास पैदा करने के लिए घर-घर जाकर जागरूक भी करती रहती हैैं। इसलिए वे विश्वास ग्राम संगठन की सचिव भी हैं। काफी महिलाओं को जागरूक कर चुकी हैं।