उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनऊ बन रहा तस्करी के सोने की सबसे बड़ी मंडी

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:राजधानी लखनऊ तस्करी के सोने की बड़ी मंडी बनती जा रही है। यहां की सराफा मंडियों में रोजाना 35 से 40 किलो सोने के बिस्किट की खपत होती है। कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इसमें बैंकों से लाया गया सोना महज 30 फीसदी ही होता है। यानी 70 फीसदी सोना ऐसा होता है, जिसपर कोई टैक्स नहीं चुकाया जाता। यानी सराफा मंडियों में रोजाना औसतन 25 किलो तस्करी का सोना खपा दिया जाता है। औसत दर 60 लाख रुपये प्रति किग्रा. के हिसाब से देखें तो राजधानी में तस्करी के सोने का रोजाना का कारोबार 15 करोड़ रुपये का होता है।तस्करी का सोना राजधानी में खपाए जाने का मामला वैसे कोई नया नहीं है। यहां चल रहा काला कारोबार हाल ही में आयकर अफसरों के छापा मारने के बाद काफी चर्चा में रहा। तस्करी के जरिये आया 100 किग्रा. सोना खपाए जाने को लेकर आयकर अफसरों की टीम ने चार दिनों तक सराफा कारोबारियों के प्रतिष्ठानों और घरों को खंगाला था। इस जांच में बहुत कुछ आयकर अफसरों के हाथ लगा है। कारोबारियों के मुताबिक छापे के बाद से बैंकों से सोने की खरीद करीब 10 फीसदी तक बढ़ गई है। एक सप्ताह पहले तो सराफा मंडियों में आने वाले कुल सोना में बैंकों से खरीदे गए सोना की हिस्सेदारी महज 20 फीसदी ही होती थी।

हर माह 67.50 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी
साप्ताहिक बंदी को छोड़ दें तो हर महीने कम से कम 25 दिन सराफा मंडियों में कारोबार होता है। सोना पर कुल 18 फीसदी टैक्स देना होता है। 15 करोड़ रुपये का तस्करी का सोना खपाए जाने पर टैक्स के 2.70 करोड़ रुपये सीधे-सीधे सप्लायर, मध्यस्थता करने वाले और बेचने वाले की जेबों में चला जाता है। प्रति माह तस्करी के सोने का कारोबार औसतन 375 करोड़ रुपये का है। यानी 67.50 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी हो जाती है। सूत्रों के मुताबिक सहालग के दिनों में तस्करी के सोने की खपत दोगुनी हो जाती है।

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