उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी सरकार ने मांगी केंद्र से मदद

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अंतर्राज्यीय समन्वय की कमी से ड्रग्स के अवैध धंधे पर प्रभावी लगाम नहीं लग पा रही है। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। एक-दूसरे की सीमा से जुड़े राज्यों के बीच कोऑर्डिनेशन सेल बनाने का सुझाव भी दिया है। साथ ही कहा है कि विकसित किए जा रहे निदान पोर्टल से इस काम में काफी मदद मिल सकती है।

भारत में करीब 40 लाख लोग ड्रग्स लेने के आदी हैं। इसमें मुख्य रूप से गांजा, हशीश, अफीम और हेरोइन शामिल है। कफ सीरप और दर्द निवारक दवाइयों आदि का भी नशा करने में इस्तेमाल किया जाता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी अपने विभिन्न आदेशों में कहा है कि उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से ड्रग्स की तस्करी की जा रही है। इस पर नियंत्रण के लिए यह जरूरी है कि यूपी और अन्य राज्यों की पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए।

उत्तर प्रदेश की सीमा कई राज्यों से लगती है, जहां बिहार, पश्चिमी बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश से यह तस्करी होती है। यूपी सरकार का कहना है कि ऐसी दशा में यह आवश्यक है कि अपराधियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। ड्रग्स की जहां से तस्करी शुरू होती है और जहां यह पहुंचती है, दोनों ही स्थानों के सरगनाओं पर प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है।

समन्वय से पाया जा सकता है समस्या पर काबू
देखने में आया है कि यह तस्करी ट्रेन, ट्रक और छोटे वाहनों से की जाती है। इतना ही नहीं रास्ते में जगह-जगह इसे बांटते हुए आगे बढ़ा जाता है। इसलिए आपूर्ति के पूरे जखीरे की बरामदगी में मुश्किलें आती हैं। राज्यों के परस्पर समन्वय से इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। वर्तमान में विभिन्न राज्यों के बीच इस संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान का तंत्र कमजोर है। या तो विभिन्न राज्यों के संबंधित अधिकारियों के बीच नियमित संवाद नहीं है या फिर रिस्पॉन्स तत्काल नहीं मिल पाता है।

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