उत्तर प्रदेशराज्य

लीवर के इलाज के लिए SGPGI बना नोडल सेंटर

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:KGMU के बाद अब SGPGI को भी लीवर के इलाज के लिए नोडल सेंटर बनाया गया हैं। इसी के साथ SGPGI में हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा शुरू हो गई है। यह दोनों जांच मुफ्त में होगा। इससे संस्थान में रोजाना आने वाले नए और पुराने 100 से ज्यादा मरीजों को बड़ी राहत मिली हैं।

NHM करेगा मदद

SGPGI निदेशक डॉ.आरके धीमन ने बताया कि संस्थान में मुफ्त इलाज की सुविधा नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत NHM की मदद से शुरू हुई है। हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों को जांच और दवाएं निशुल्क हैं। इसके अलावा यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर जिला स्तर पर डॉक्टरों को प्रशिक्षण देंगे। डॉ.आरके धीमन ने बताया कि इसका महंगा इलाज होने की वजह से बहुत से गरीब मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते थे। निशुल्क इलाज शुरू होने से इन्हें बड़ी राहत मिली है।

2 साल पहले खुला हेपटलॉजी डिपार्टमेंट

SGPGI में निदेशक प्रो.आरके धीमन के प्रयासों से हेपटलॉजी विभाग की शुरुआत हुई हैं। 25 फरवरी को इसके स्थापना की 2 वर्षगांठ मनाई गई हैं। फिलहाल डिपार्टमेंट में 3 फैकल्टी हैं। डिपार्टमेंट का हेड डॉ. अमित गोयल को बनाया गया हैं। इसके अलावा डॉ अजय मिश्रा और एक अन्य डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे। प्रो.धीमन की माने तो जल्द ही संस्थान में लिवर ट्रांसप्लांट शुरू होगा।

आउटरीच प्रोग्राम पर होगा जोर

डॉ.आरके धीमन ने बताया कि स्टेट नोडल सेंटर होने के नाते पीजीआई को अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी के डॉक्टरों को प्रशिक्षण देना है। आउटरीच के तहत SGPGI विशेषज्ञ जिले के डॉक्टरों को उपचार का प्रशिक्षण देंगे।

OPD में आ रहे 100 से ज्यादा मरीज

पीजीआई के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट, स्टेट नोडल सेंटर के प्रभारी डॉ. अमित गोयल ने बताया कि संस्थान की ओपीडी में रोज छह से सात नए मरीज और करीब 100 पुराने मरीज आते हैं। संस्थान में यूपी समेत दूसरे राज्यों के मरीज आते हैं। ओपीडी में आने वाले करीब 40 फीसदी मरीज हेपेटाइटिस बी और सी के होते हैं। इसमें तीन से छह माह तक इलाज चलता है। हालांकि दवाओं से इलाज संभव है लेकिन दवाएं महंगी होने की वजह से लोग पूरा इलाज नहीं करा पाते हैं।

Related Articles

Back to top button