उत्तर प्रदेशराज्य

रिपोर्ट मे आई हैरान करने वाली सच्चाई

स्वतंत्रदेश,लखनऊ कोरोना संक्रमण का शिकार मरीजों की डेथ ऑडिट रिपोर्ट में खौफनाक हकीकत सामने आयी है। ऑडिट रिपोर्ट बता रही है कि राजधानी के सरकारी व निजी गैर कोविड अस्पतालों से गंभीर रोगियों के शरीर में कोरोना संक्रमण पहुंच रहा है। रिपोर्ट पर तत्काल हरकत में आते हुए प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी गैर कोविड अस्पतालों के डाक्टर, पैरामेडिकल और आफिस स्टाफ की कोरोना जांच दो दिनों में कराने के निर्देश दिए हैं।

गैर कोविड अस्पताल और क्लीनिक कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं। जिन चार निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है उन पर भी 48 मरीजों को गैर कोविड से कोविड अस्पताल शिफ्ट करने में लापरवाही बरती।

राजधानी में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बुधवार तक करीब 53 हजार पहुंच गया है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक अब तक 650 मरीजों की डेथ आडिट रिपोर्ट से पता चला है कि 90 प्रतिशत मरीज पहले से ही गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे और कोविड अस्पतालों में भर्ती होने से पहले कहीं न कहीं गैर कोविड अस्पतालों और क्लीनिक में इलाज कराया था। इसी के चलते ये गंभीर रोगी कोरोना संक्रमण की जद में आए। पहले भी जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि कई गैर कोविड अस्पताल और क्लीनिक कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं। जिन चार निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है, उन पर भी 48 मरीजों को गैर कोविड से कोविड अस्पताल शिफ्ट करने में लापरवाही का आरोप था जिनकी बाद में मौत हो गयी।

अब पूरे स्टाफ की जांच के बाद तीन अक्टूबर तक सभी को सीएमओ कार्यालय में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल पर टेस्ट कराना होगा। इस काम में लापरवाही बरतने वाले अस्पताल के खिलाफ आपदा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा अस्पतालों को प्रत्येक भर्ती मरीज का कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होगा और रिपोर्ट आने तक उसे होल्डिंग एरिया में रखना होगा। इसके अलावा जितने भी गंभीर रोगी भर्ती हैं सबका कोविड टेस्ट कराया जाएगा।

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