उत्तर प्रदेशराज्य

अस्पतालों को मिलेंगे संसाधन

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:राज्य सरकार ने बजट में कई ऐसे प्रावधान किए हैं जिससे सेहत सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियानों को गति मिलेगी। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के मद में करीब 19 हजार करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है। इसमें अस्पतालों को संसाधन युक्त बनाने से लेकर नए डॉक्टर तैयार करने के प्रावधान किए गए हैं। हालांकि यह पिछले साल से करीब दो हजार करोड़ कम है। सरकार ने एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है।

विधानमंडल में बजट पेश करते वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना।
विधानमंडल में बजट पेश करते वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना।

बजट में 14 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए 2100 करोड़ का इंतजाम किया गया है। ये मेडिकल कॉलेज बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात, कौशांबी व अमेठी में बनेंगे। इन कॉलेजों के बनने के बाद प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 59 हो जाएगी।  स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 50 करोड़ का प्रावधान कर भविष्य की रणनीति बनाई गई है।

एचपीवी वैक्सीन के लिए 50 करोड़
सरकार ने महिलाओं में बच्चेदानी के कैंसर के इलाज को लेकर गंभीरता दिखाई है। इस कैंसर में लगने वाली एचपीवी वैक्सीन के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे नौ से 14 साल की करीब एक लाख बालिकाओं का टीकाकरण किया जा सकेगा।

यूनानी पद्धति से होगा शोध
बजट में यूनानी चिकित्सा पद्धति को भी तवज्जो दी गई है। राजकीय तकमील उत्बि कॉलेज एवं चिकित्सालय लखनऊ में महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता पर शोध किया जाएगा। इसके लिए 11.56 लाख का बजट दिया गया है। इसी कॉलेज में गठिया रोग के लिए 30 लाख का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 10 यूनानी चिकित्सालयों के निर्माण के लिए एक करोड़ की व्यवस्था की गई है।

स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख घोषणाओं के लिए बजट
– अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विवि लखनऊ के निर्माण कार्य के लिए 100.45 करोड़ रुपये।
– पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 50 करोड़ रुपये।
– असाध्य रोगों की चिकित्सा के लिए 100 करोड़ रुपये।
– गोरखपुर में आयुष विवि के  लिए 113.52 करोड़ रुपये।
– प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना के लिए 620 करोड़।
– आयुष्मान भारत के लिए 500 करोड़ और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 250 करोड़।
– प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में 320 करोड़।
– आशा कार्यकर्ता एवं शहरी आशा संगिनी को मिलने वाले प्रतिपूर्ति के लिए 300 करोड़।

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