नई तकनीक से बन रही सड़कें
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार नई तकनीक पर आधारित 5600 किमी सड़कों का निर्माण चल रहा है। इस तकनीक से बनी सड़कें किफायती और मजबूत होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल रहेंगी।
इस तकनीक में नए पत्थर की गिट्टी का प्रयोग नहीं किया जाता। सड़क पर मौजूद पुरानी गिट्टी को सीमेंट व एडिटिव और मिट्टी से बड़ी मशीनों के द्वारा मिलाकर निर्माण किया जाता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव एनएन सिन्हा व अपर सचिव डा. आशीष कुमार गोयल ने रविवार को चित्रकूट जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नई तकनीक एफडीआर के तहत बन रही सड़क टी-06 अरछा बरेठी कमासिन रोड का निरीक्षण किया।
पहले पारंपरिक तकनीक से निर्माण किया जाना था, इसकी लंबाई 17.9 किलोमीटर व चौड़ाई तीन मीटर थी जिसको बढ़ाकर 5.5 मीटर में चौड़ीकरण व उच्चीकरण किया जाना था, जिसमें लगभग 56000 घन मीटर पत्थर की गिट्टी का उपयोग होता, किंतु इस एफडीआर तकनीक से निर्माण कराने पर 50000 घन मीटर की गिट्टी की बचत होगी।
17 करोड़ की लागत से 17.900 किमी