उत्तर प्रदेशराज्य

रेल इंजन विदेशों में हो रहे एक्सपोर्ट

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:वाराणसी रेल इंजन कारखाना (बरेका) में बनने वाले इंजन यूं तो कई देशों में भेजे जाते हैं, लेकिन पिछले पांच साल से ये म्यांमार, श्रीलंका और मोजांबिक जैसे देशों की पसंद बने हुए हैं। पांच वर्षों में इन देशों को यहां बने 37 इंजन एक्सपोर्ट किए गए हैं। मोजांबिक को देने के लिए एक इंजन का निर्माण इस समय भी बीएलडब्ल्यू में चल रहा है। इसके पहले यहां से तंजानिया, वियतनाम, बांग्लादेश, सूडान, सेनेगल, अंगोला, माली, मलेशिया आदि देशों को 171 इंजन भेजे जा चुके हैं।

बनारस रेल इंजन कारखाना के बने रेल इंजन विदेशों में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। अब तक तंजानिया, वियतनाम, बांग्लादेश, सूडान, सेनेगल, अंगोला, माली, मलेशिया आदि देशों को कुल 171 इंजन भेजे जा चुके हैं। - Dainik Bhaskar
बनारस रेल इंजन कारखाना के बने रेल इंजन विदेशों में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। अब तक तंजानिया, वियतनाम, बांग्लादेश, सूडान, सेनेगल, अंगोला, माली, मलेशिया आदि देशों को कुल 171 इंजन भेजे जा चुके हैं।

रेट्रो-फिट का परीक्षण सफल
एक पुराने सेवा योग्य एचएचपी डीजल लोको को स्टैंडर्ड गेज बोगी के साथ रेट्रो-फिट कर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। पिछले 5 साल में बरेका से कुल 37 इंजनों को इन देशों में एक्सपोर्ट किया गया है। वर्तमान में मोजाबिक के लिए एक 3000 एचपी केप गेज के इंजन का निर्माण हो रहा है। इस वित्तीय वर्ष में निर्यात से 704 और गैर रेलवे ग्राहकों से 18 37 करोड़ का राजस्व मिला है।

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