बढ़ा टेस्टिंग लैब पर बोझ
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से अब तक 36 लाख के करीब RT-PCR टेस्ट करने का दावा करने वाले चिकित्सा विश्वविद्यालय में मौजूदा समय में 12 हजार के करीब RT-PCR टेस्ट हो रहे है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ अमिता जैन के मुताबिक उनकी लैब की क्षमता 14 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की है। और जब प्रदेश में कोरोना के मामलें 100 के अंदर थे, तब भी लैब में टेस्टिंग जारी रही और औसतन 7 हजार टेस्ट होते रहे।हालांकि टेस्ट सैंपल बढ़ने से रिपोर्ट में देरी के सवाल पर उनका कहना है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी की लैब में टेस्टिंग में कभी देरी नही हुई। हर हाल में 24 घंटे के अंदर सैंपल की रिपोर्ट जारी हो जाती है। और यही हमारी सबसे बड़ी खूबी रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि किसी को सैंपल देने के बाद 24 घंटे में रिपोर्ट नही मिली तो यह माने कि समय रहते सैंपल लैब में सबमिट नही किया गया।
डॉ. अमिता जैन के मुताबिक RT-PCR टेस्ट करने के मामलें में KGMU देश भर में अग्रणी संस्थान रहा है। यहां 24 घंटे राउंड द क्लॉक टेस्ट होते है। लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों से आ रहे सैंपल के अलावा प्रदेश के 3 से 4 जिलों से सैंपल यहां की लैब भेजे जाते है।
पीजीआई में क्षमता 13 हजार टेस्ट प्रतिदिन, अभी 6 से 7 हजार हो रहे टेस्ट
संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (SGPGI) के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रभारी प्रोफेसर उज्जवला घोषाल के मुताबिक मौजूदा समय में 6 से 7 हजार RT-PCR टेस्ट प्रतिदिन लैब में हो रहे हैं। हालांकि लैब की क्षमता 13500 RT-PCR टेस्ट प्रतिदिन करने की है।