उत्तर प्रदेशराज्य

ओमिक्रॉन का खतरा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कानपुर में ओमिक्रॉन प्रभावित देशों से लौटे 20 यात्रियों का पता नहीं मिल रहा है। सूची में घर का पता स्पष्ट नहीं है, सिर्फ क्षेत्र का नाम दिया गया है। इससे रैपिड रिस्पांस टीमों को उन्हें ढूंढने में मुश्किल आ रही है। न मिलने वालों के अमिक्रॉन संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है।

कानपुर में ओमिक्रान रेड जोन देशों से 28 यात्री और शहर आए हैं। अब तक 219 यात्रियों की रेड जोन से वापसी हुई है।

स्वास्थ्य विभाग ने अब उनके मेल और इंटरनेशनल मोबाइल नंबर पर भी व्हॉट्स मैसेज भेजा है। सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि ज्यादातर लोग ट्रेस कर लिए गए हैं, अगर कोई ट्रेस नहीं होगा तो पुलिस को जिम्मेदारी दे दी जाएगी। 

आईआईटी के कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद सतर्कता और बढ़ा दी गई है। यह कर्मचारी चेन्नई से आए अपने माता-पिता के संपर्क में आया था। उसके बाद उसकी तबियत बिगड़ी। उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिया गया है। इसके साथ ही विदेश से आए यात्रियों की मॉनीटरिंग में भी सतर्कता बरती जा रही है।

विभिन्न देशों से अब तक 1092 यात्री शहर लौटे चुके हैं। इनमें 242 यात्री ओमिक्रॉन प्रभावित देशों से आए हैं। इनमें ज्यादातर की ट्रेसिंग हो गई है। लेकिन 20 का पता नहीं लग पाया है। इसके लिए ई-मेल और उनके व्हॉट्स एप नंबरों पर संपर्क किया जा रहा है।

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