यूपी के इस जिले में समय के साथ गहराता जा रहा पेयजल संकट
स्वतंत्रदेश ,लखनऊजनपद में पेयजल संकट समय के साथ गहराता जा रहा है। 15 अप्रैल तक जनपद के 92 ग्राम पंचायतों में जहां जिला प्रशासन टैंकर से पेयजल आपूर्ति कर रहा था यह आंकड़ा 23 अप्रैल से बढ़कर 124 तक पहुंच गया है। 20 प्रतिशत से अधिक ग्राम पंचायतों का भूगर्भ जल स्तर नीचे चले जाने के कारण यहां पर पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। मई व जून में स्थिति और भी विकराल होने की आशंका जतायी जा रही है।

म्योरपुर ब्लाक में सबसे अधिक ग्राम पंचायत पेयजल संकट से ग्रसित है। जिला प्रशासन लगातार ऐसे स्थानों पर टैंकर से पानी की आपूर्ति कर रहा है। बावजूद पानी को लेकर समस्याएं बढ़ती जा रही है। बभनी, चतरा, नगवां में अब तक एक भी ग्राम पंचायत पेयजल संकट ग्रस्त नहीं है।
165 टैंकर दिन में मार रहे 473 चक्कर
जनपद के 124 ग्राम पंचायतों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 165 टैंकर को लगाया गया है। यह टैंकर 473 चक्कर दिनभर में मारकर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। जरूरत के अनुसार यह संख्या बढ़ भी रही है। 156 टैंकर सरकारी व 9 टैंकर प्राइवेट लगाए गए हैं। पास के ही जलस्रोत से यह पानी उठाकर गांव में पहुंचा रहे हैं। पिछले साल मई में यह संख्या 300 से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच गयी थी।
म्योरपुर में तेजी से खिसक रहा जलस्रोत
म्योरपुर व घोरावल ब्लाक में तेजी से भू-गर्भ जल स्तर नीचे जा रहा है। 15 अप्रैल तक घोरावल ब्लाक में जहां 29 तो 23 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 30 ग्राम पंचायत हो गयी है। म्योरपुर ब्लाक में 15 को 23 व 23 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 36 ग्राम पंचायत हो गयी है। यहां पर टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है। जिस तेजी से भूगर्भ जल नीचे जा रहा है उसको देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब होने वाली है।